बच्चों ने फाइलेरिया जागरुकता पेंटिंग प्रतियोगिता में दिखाई प्रतिभा
filarea awareness
लखनऊ। निज संवाददाता राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 17 से 29 फरवरी तक विशेष फाइलेरिया अभियान चलेगा। इसकी जागरुकता के लिए शनिवार को कई स्कूलों में बच्चों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभाग का प्रदर्शन किया। प्रोजेक्ट कंसर्न (पीसीआई) इंटरनेशनल की सोशल मोबिलाइजर कोआर्डिनेटर (एसएमसी) अलका यादव ने बताया कि फाइलेरिया को हाथी पांव भी कहते हैं। यह संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। शरीर के लसिका तंत्र को कमजोर करता है। सही समय पर इसका इलाज न किया जाए तो संक्रमण बढ़ जाता है, जिससे शरीर के अंग असामान्य रूप से बढ़ने लगते हैं। एसएमसी सोनी शर्मा और प्रदीप गुप्ता ने बताया कि फाइलेरिया की दवा खाली पेट नहीं खानी चाहिए। यदि किसी व्यक्ति में दवा को खाने के बाद चक्कर, उल्टी या शरीर पर चकत्ते जैसे कोई लक्षण दिखते हैं तो वह संक्रमित है। फाइलेरिया की दवा दो साल से कम के बच्चों और गर्भवती या बीमार व्यक्ति को नहीं देना चाहिए। इसी के तहत मॉडल हाऊस स्थित सरस्वती शिशु मंदिर, लालबाग के महात्मा गांधी गर्ल्स जूनियर हाईस्कूल और माल के ऊदादेवी इंटर कॉलेज में पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।