गोंडा के इस स्कूल के बच्चे अब पढ़ाई से नहीं होंगे बोर
यहां के धौरहरा प्राथमिक विद्यालय के बच्चे अब पढ़ाई से बोर नहीं होंगे। छात्रों को रट्टू तोता बनाने के बजाय अब उन्हें लर्निंग ऑब्जेक्ट के सहारे पढ़ाया जायेगा। इसके लिए कई विषयों के लर्निंग ऑब्जेक्ट...
यहां के धौरहरा प्राथमिक विद्यालय के बच्चे अब पढ़ाई से बोर नहीं होंगे। छात्रों को रट्टू तोता बनाने के बजाय अब उन्हें लर्निंग ऑब्जेक्ट के सहारे पढ़ाया जायेगा। इसके लिए कई विषयों के लर्निंग ऑब्जेक्ट तैयार किये गये हैं और कुछ तैयार किये जा रहे हैं।
इसी कड़ी में हमारा परिवेश, परख, पर्यावरणीय अध्ययन सहित अन्य विषयों का लर्निंग ऑब्जेक्ट तैयार किया गया है। प्रधानाध्यापक रवि प्रताप सिंह कहते हैं कि लर्निंग ऑब्जेक्ट की मदद लेने से बच्चों में समझ विकसित होगी और वह विषय को बेहतर समझेंगे। साथ ही उनमें रचनात्मकता का विकास होगा। छात्र में समझने की शक्ति विकसित हो गई तो वह हर विषय आसानी से सीख सकेगा उसे बोरियत भी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि लर्निंग ऑब्जेक्ट से चीजों को समझने और समझाने में मदद मिलती है। इसके माध्यम से पढ़ाने से बच्चे कभी बोरियत महसूस नहीं करते हैं। बच्चे हर टॉपिक को बड़े चाव से पढ़ते हैं।
इसमें खास बात यह भी है कि बच्चे अपने विचार भी अधिक व्यक्त करते हैं। जिससे शिक्षा बाल केंद्रित बनी रहती है और छात्रों को अधिक अवसर मिलता है।
तकनीक का भी सहारा
धौरहरा स्कूल में पढ़ाई में तकनीक का सहारा भी लिया जाता है। इसलिए पढ़ाने में तकनीक का सहारा लेकर डिजिटल लर्निंग ऑब्जेक्ट से पढ़ाया जा रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार झा कहते हैं कि धौरहरा स्कूल अन्य विद्यालयों के लिए मार्गदर्शक है।