चस्पा चालान का जुर्माना भरने के लिए भटक रहे लोग
-ट्रैफिक पुलिस रोजाना नो पार्किंग के 60 से 80 चस्पा चालान करती है
-ट्रैफिक पुलिस रोजाना नो पार्किंग के 60 से 80 चस्पा चालान करती है -एएसपी ट्रैफिक ऑफिस में लंबे समय से जुर्माना लेने की प्रक्रिया बंद की गई लखनऊ। निज संवाददाता नो पार्किंग में खड़े वाहनों पर सफेद पर्ची लगाकर होने वाले चस्पा चालान का जुर्माना भरने के लिए लोग भटक रहे हैं। एएसपी ट्रैफिक ऑफिस से चार माह पहले चस्पा चालान का जुर्माना लेने की व्यवस्था बंद कर दी गई है। इस वजह से सदर पुलिस लाइन में चस्पा चालान का जुर्माना भरने वाले चालकों की संख्या ज्यादा बढ़ गई है। उन्हें जुर्माना भरने में दिक्कत झेलनी पड़ रही है। नो पार्किंग का चालान होने पर चस्पा पर्ची के साथ चालक को अपनी गाड़ी की आरसी की फोटोकॉपी लेकर जुर्माना जमा करना पड़ता है। ऐसा न करने पर चालक को कोर्ट से समन भेजा जाता है। पूरे शहर में अलग-अलग इलाकों में नो पार्किंग का चस्पा चालान ट्रैफिक पुलिस द्वारा किया जाता है। इस चस्पा चालान का जुर्माना बंदरियाबाग एएसपी ट्रैफिक ऑफिस में लिया जाता रहा है। लेकिन इन दिनों एएसपी ट्रैफिक ऑफिस में चस्पा चालान का जुर्माना चालकों से नहीं लिया जा रहा है। जिससे चालक जुर्माना भरने के लिए सदर स्थित ट्रैफिक पुलिस लाइन के सीओ ऑफिस में जा रहे हैं। वहां पर अधिक भीड़ होने और रसीद पर सीओ के हस्ताक्षर न होने पर चालकों को दूसरे दिन बुलाया जा रहा है। चालकों को जुर्माना भरने के लिए भटकना पड़ रहा है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा रोजाना करीब 60 से 80 चस्पा चालान नो पार्किंग के चालकों के किए जाते हैं। इस मामले में एएएसपी ट्रैफिक रविशंकर निम का कहना है कि उनके ऑफिस में भी जुर्माना लिए जाने की व्यवस्था है। जुर्माना रसीद पर हस्ताक्षर न होने की दशा में ही चालक को सदर ट्रैफिक लाइन भेजा जाता है।