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छावनी परिषद प्रशासन ने डेयरी संचालकों दिखाया बाहर का रास्ता

लखनऊ। प्रमुख संवाददाता

छावनी  परिषद प्रशासन ने डेयरी संचालकों दिखाया बाहर का रास्ता
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 29 Apr 2019 10:33 PM
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लखनऊ। प्रमुख संवाददाता

छावनी परिषद प्रशासन ने छावनी क्षेत्र के डेयरी संचालकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उनके लिए बसाई गई गोकुल नगरी का रास्ता बंद कर दिया गया है। अब छावनी क्षेत्र में डेयरी संचालन की न तो अनुमति होगी और न ही कोई रियायत बरती जाएगी। चुनाव बाद अभियान चलेगा। मवेशियों को पकड़कर उनको नीलाम किया जाएगा।

छावनी क्षेत्र को डेयरी व अवारा पशुओं से मुक्त करने के सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देश के बाद छावनी परिषद ने सुलतानपुर रोड पर लगभग 50 लाख रुपए खर्च कर गोकुल नगरी बसाया था। चारों ओर बैरीकेटिंग, ट्यूबवेल, नालियों आदि का निर्माण कराया था। आधी अधूरी सुविधाओं के बीच लोगों ने बसना भी शुरू कर दिया था। टिन शेड आदि बना लिए थे लेकिन अचानक छावनी परिषद का बुलडोजर चल गया। गोकुल नगरी में डेयरी संचालकों द्वार बनाए सभी शेड ध्वस्त कर दिए गए। डेयरी संचालकों को बताया कि उच्च प्रशासन ने गोकुल नगरी बसाने का फैसला वापस ले लिया है।

एक हजार जारवरों रखे जा सकते थे

गोकुल नगरी में लगभग एक हजार जानवर रखने की क्षमता थी। छावनी क्षेत्र में डेयरी संचालकों के पास लगभग इतने जानवर भी हैं। इससे छावनी परिषद को हर माह लाखों रुपए की आय भी होती। लेकिन आबाद होने से पहले उजाड़ होने से पशुपालकों को शिफ्ट करने की योजना के साथ छावनी परिषद की आय का रास्ता भी बंद हो गया। जबकि पिछले कई वर्षों तक चले मंथन व रक्षा मंत्रालय की अनुमति के बाद गोकुल नगरी को बसाने का फैसला हुआ था। इसका प्रस्ताव भी छावनी परिषद की बोर्ड बैठक से पास हो चुका था।

स्थाई निर्माण की अनुमति नहीं

छावनी परिषद के सीईओ अमित कुमार मिश्र ने कहा कि डेयरी संचालकों को पशुओं के रखने के लिए जगह दी गई थी लेकिन वह दीवार बनाकर स्थाई निर्माण शुरू कर दिए। उनको स्थाई निर्माण की अनुमति नहीं थी। उन्होंने कहा कि उच्च प्रशासन ने जो फैसला लिया है उसके तहत निर्माण ढहाया गया है। उनको अब छावनी क्षेत्र में डेयरी संचालन की अनुमति नहीं रहेगी। छावनी क्षेत्र से बाहर ही जाना होगा। जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। सड़क पर घूम रहे आवारा जानवरों के साथ डेयरियों के जानवरों को पकड़ा जएगा। इसके लिए पुलिस बल की मांग की गई है। डेयरी संचालकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।

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