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केंद्र सरकार न्यायपालिका को अपमानित कर रही: मायावती

- दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों को समुचित प्रतिनिधित्व नहीं

केंद्र सरकार न्यायपालिका को अपमानित कर रही: मायावती
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊTue, 12 Jun 2018 05:30 PM
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- सरकार का रवैया जजों की नियुक्ति के मामले में ठीक नहीं- दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों को समुचित प्रतिनिधित्व नहींप्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालयबसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार न्यायपालिका के साथ भी सम्मानजनक तरीके से पेश नहीं आ रही है। सरकार का रवैया जजों की नियुक्ति के मामले में ठीक नहीं है। दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों को समुचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा है।उन्होंने कहा कि कानून मंत्री का यह कहना कि कानून मंत्रालय कोई ‘डाकघर नहीं है, जो जजों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट के कोलजियम की सिफारिश आंख बंद कर मान ले। भाजपा के मंत्री अगर न्यायपालिका का आदर-सम्मान नहीं कर सकते तो उसका अपमान भी नहीं करें। कानून मंत्रालय अगर ‘डाकघर नहीं है, तो उसे पुलिस थाना बनने का अधिकार भी कानून व संविधान ने नहीं दिया है।मायावती ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को अपने अलोकतांत्रिक रवैये में सही सुधार लाना चाहिए। केंद्र सरकार के मंत्री व भाजपा नेताओं का यह कहना कि वर्ष 2016 में 126 जजों की नियुक्ति करके उनकी सरकार ने कमाल का काम किया है। जजों के 300 से ज्यादा पदों को खाली रखना और फिर 126 की नियुक्ति करना कौन सा जनहित व देशहित का काम है। केंद्रीय मंत्रालयों में उच्च पदों पर दलितों, आदिवासियों व पिछड़े वर्ग के अफसरों की तैनाती न करना कांग्रेस सरकार की तरह ही है।उन्होंने कहा कि संविधान की मंशा के अनुरूप काम नहीं हो रहा है। भाजपा की नीयत जनहित की ना होकर घोर जातिवादी, सांप्रदायिक व विद्वेषपूर्ण बनी हुई है। इसी कारण देश की हर लोकतांत्रिक व संवैधानिक संस्थाएं तनाव व संकटग्रस्त हैं।

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