नोटबंदी में 21.88 लाख की पुरानी नोट बदलने पर तीन अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने शुरू की जांचप्रमुख संवाददाता-राज्य मुख्यालयनोटबंदी के दौरान केंद्र सरकार के निर्देशों के विपरीत 21.88 लाख रुपये के पुराने नोट बदलने वाले मुख्य डाकघर झांसी के तत्कालीन...
सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने शुरू की जांच
प्रमुख संवाददाता-राज्य मुख्यालय
नोटबंदी के दौरान केंद्र सरकार के निर्देशों के विपरीत 21.88 लाख रुपये के पुराने नोट बदलने वाले मुख्य डाकघर झांसी के तत्कालीन तीन अफसरों के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। तीनों की तलाश में सीबीआई ने गुरुवार को झांसी समेत कई स्थानों पर छापा भी मारा।
सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने मुख्य डाकघर झांसी के तत्कालीन चीफ ट्रेजरार पूरन लाल अहरिवार, तत्कालीन डिप्टी पोस्टमास्टर एके सांडिल्य और तत्कालीन सिस्टम मैनेजर विजय सिंह के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़, खातों में फर्जीवाड़ा तथा सरकारी पद के दुरुपयोग के आरोप में धारा 120 बी, 420, 477 ए व 201 के अलावा पीसी एक्ट 1988 की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
एंटी करप्शन ब्रांच के प्रमुख एवं डीआईजी प्रणव कुमार ने मामले की विवेचना इंस्पेक्टर आशीष कुमार संजय को सौंपी है। सीबीआई ने तीनों की तलाश शुरू कर दी है। गुरुवार को कई स्थानों पर छापा भी मारा लेकिन सफलता नहीं मिली। सीबीआई को विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली थी कि आठ नवंबर 2017 की मध्य रात्रि को केंद्र सरकार की ओर से एक हजार व पांच सौ के नोट अमान्य कर दिए जाने के बाद मुख्य डाकघर झांसी में 21.88 लाख रुपये बिना किसी डिमांड फार्म और वैध पहचान पत्र के नए नोटों में बदल दिए गए। उस समय आरबीआई ने यह व्यवस्था दी थी कि एक व्यक्ति वैध पहचान पत्र के साथ डिमांड फार्म भरकर केवल चार हजार रुपये के पुराने नोट बदल सकता है। मुख्य डाकघर के तीनों तत्कालीन अधिकारियों ने 10 नवंबर से 21 नवंबर के बीच कुल 21.88 लाख रुपये के नोट गलत तरीके अपनाकर बदल डाले। डाकघर के रिकार्ड्स से भी यह तथ्य पकड़ में आ गया। आरोपी अधिकारियों ने साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने की कोशिश भी की।