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छावनी परिषद उपाध्यक्ष का हटना तय!

बुलाई गई विशेष बैठक

छावनी परिषद उपाध्यक्ष का हटना तय!
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊThu, 25 Jan 2018 07:49 PM
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लखनऊ। प्रमुख संवाददाता

छावनी परिषद की उपाध्यक्ष अंजुम आरा का हटना लगभग तय हो गया है। परिषद के आठ निर्वाचित सदस्यों में सात ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए अध्यक्ष को पत्र दे दिया है। शनिवार को छावनी परिषद बोर्ड की विशेष बैठक बुलाई गई है।

बुधवार को हुई थी भिड़ंत

छावनी परिषद का माहौल बुधवार से गर्म है। बोर्ड बैठक में अध्यक्ष मेजर जनरल विनोद शर्मा, सीईओ अमित कुमार मिश्र व सेना के नामित सदस्यों की मौजूदगी में जिस तरह उपाध्यक्ष अंजुम आरा व पार्षद प्रमोद शर्मा के बीच समितियों के मुद्दे पर भिड़ंत हुई थी उससे अंदाजा लगाया जा रहा था आने वाले दिनों में कुछ बड़ा होने वाला है लेकिन इतनी जल्दी की उम्मीद किसी को नहीं थी। बोर्ड बैठक के बाद सभी सातों पार्षदों ने अलग से बैठक की और उपाध्यक्ष को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया।

अध्यक्ष को सौंपा पत्र

गुरुवार को सुबह से छावनी परिषद का माहौल गर्म था। पार्षदों ने मुख्य अधिशासी अभियंता से मुलाकात की और अपना फैसला सुनाया। सीईओ ने इसकी जानकारी तत्काल अध्यक्ष व सेना में जीओसी मेजर जनरल विनोद शर्मा को दी। वह सेना के नामित सदस्यों के साथ अपराह्न लगभग एक बजे छावनी परिषद कार्यालय पहुंचे। सभी के साथ बैठक की। निर्वाचित पार्षदों ने संयुक्त रूप से पत्र सौंप कर उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की। मेजर जनरल ने पत्र को स्वीकार कर शनिवार को विशेष बैठक बुलाने का निर्देश दिया है।

पिछली बैठक में दिखी थी तल्खी

छावनी परिषद की पिछली बोर्ड बैठक में उपाध्यक्ष व प्रमोद शार्मा के बीच तल्खी दिखने लगी थी। दरअसल पिपराघाट में बने नए श्मशान घाट के लोकार्पण में जो पत्थर लगाया गया है उसमें प्रमोद शर्मा का नाम पार्षदों के साथ है जबकि अंजुम आरा का नाम सबसे ऊपर है। प्रदेश सरकार से बजट लाने में प्रमोद शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका थी। लोकार्पण के बाद हुई बैठक में प्रमोद शर्मा ने इसपर एतराज जताया था। उनका कहना था कि बोर्ड की बैठकों में इसके लिए कई बार सराहना हो चुकी है फिर लोगों तक यह जानकारी पहुंचाने में क्यों भेदभाव किया गया। उन्होंने इसके लिए पूर्व सीईओ एनवी सत्यनारायण को भी दोषी ठहराया था। इस मुद्दे पर उपाध्यक्ष से मामूली बहस भी हुई थी लेकिन कुछ देर में मामला शांत हो गया था।

शनिवार को होगी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

शनिवार को होने वाली छावनी बोर्ड विशेष बैठक के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम रहेगा। पुलिस बल के अलावा सेना पुलिस भी चप्पे पर तैनात रहेगी। सेना के अधिकारियों ने गुरुवार को ही इसके मद्देनजर तैयारी कर ली है और समुचित व्यवस्था करने का संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है।

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निर्वाचित सात पार्षदों ने उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का पत्र दिया है। विशेष बैठक के लिए 24 घंटे का वक्त जरूरी है। शनिवार को सुबह दस बजे विशेष बैठक बुलाई गई है।

अमित कुमार मिश्र, सीईओ छावनी परिषद।

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