ग्रेनाइट और सिल्का सेंड के खनन के लिए केंद्र की एजेंसी नोडल बनी
विशेष संवाददाता राज्य मुख्यालय। कैबिनेट ने बालू और मौरंग की तर्ज पर ग्रेनाइट और सिल्का सेंड आदि के खनन पट्टों के लिए भी ई-टेंडरिंग और ई-नीलामी की व्यवस्था तय की है। साथ ही इसके लिए केंद्र सरकार की...
विशेष संवाददाता राज्य मुख्यालय। कैबिनेट ने बालू और मौरंग की तर्ज पर ग्रेनाइट और सिल्का सेंड आदि के खनन पट्टों के लिए भी ई-टेंडरिंग और ई-नीलामी की व्यवस्था तय की है। साथ ही इसके लिए केंद्र सरकार की एजेंसी एमएसटीसी को नोडल एजेंसी तय किया है। लोक निर्माण, डेडीकेटेड फ्रेड कारीडोर व एनएचएआई को खनन पट्टे कैबिनेट के एक अन्य फैसले के तहत सड़क आदि का निर्माण का काम करने वाले लोक निर्माण, डेडीकेटेड फ्रेड कारीडोर और एनएचएआई को दोगुनी रायल्टी पर खनन क्षेत्र आवंटित किए जाएंगे। फैसले के अनुसार लोक निर्माण विभाग को सोनभद्र, झांसी, महोबा, इलाहाबाद और महोबा में सात क्षेत्र खनन के लिए दिए जाएंगे। डेडीकेटेड फ्रेड कारीडोर को सोनभद्र, इलाहाबाद, महोबा और चित्रकूट में आठ क्षेत्र खनन के लिए दिए जाएंगे। एनएचएआई को सोनभद्र, महोबा, इलाहाबाद और चित्रकूट में छह क्षेत्र खनन के लिए दिए जाएंगे। यह फैसला इसलिए किया गया है जिससे सरकारी विभागों और निर्माण एजेंसियों को गिट्टी व बोल्डर आदि मिलने में दिक्कत न होने पाए।