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कैबिनेट-चीनी कम के रास्ते पर चली यूपी सरकार, गुड़ बनाने को मिलेगा बढ़ावा

उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार अब चीनी कम के रास्ते पर चल पड़ी है। देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक इस राज्य में गन्ना किसानों को उनके गन्ना मूल्य भुगतान की बढ़ती दुश्वारियां, चीनी मिलों की घटती भुगतान...

कैबिनेट-चीनी कम के रास्ते पर चली यूपी सरकार, गुड़ बनाने को मिलेगा बढ़ावा
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊTue, 16 Oct 2018 08:09 PM
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प्रदेश सरकार अब चीनी कम के रास्ते पर चल पड़ी है। देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य यूपी में गन्ना किसानों को उनके गन्ना मूल्य भुगतान की बढ़ती दुश्वारियां, चीनी मिलों की घटती भुगतान क्षमता के मद्देनजर अब प्रदेश सरकार ने गुड़ बनाने को बढ़ावा देने का फैसला किया है।

मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में नयी खांडसारी नीति को मंजूरी मिली। इस नयी नीति के तहत अब चीनी मिल गेट से 15 किलोमीटर के बजाए आठ किलोमीटर के त्रिज्यात्मक फासले पर नयी खांडसारी यूनिट खुल सकेगी। कैबिनेट के फैसले के मुताबिक गुड़ उत्पादन करने के लिए पावर क्रेशर/मिनी क्रेशर की स्थापना नजदीकी चीनी मिल गेट से आठ किलोमीटर के त्रिज्यात्मक फासले से बाहर करने पर लाइसेंस की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार प्रदेश में गन्ने की अच्छी पैदावार के मद्देनजर गन्ने की पेराई सुनिश्चि‍त करने और लघु व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने तथा रोजगार के नये अवसर पैदा करने के लिए यह नयी खांडसारी लाइसेंसिंग नीति मंजूर की गयी है।लाइसेंस से होंगी मुक्‍तसरकारी प्रवक्ता के अनुसार गुड़ बनाने वाली इकाइयां लाइसेंस से मुक्त होंगी। गुड़ बनाने वाली इकाइयां अगर खांडसारी बनाने के लिए लाइसेंस चाहेंगी तो उन्हें इसके लिए अलग से आवेदन करना होगा। गुड़ उत्पादन करने के लिए पावर क्रेशर और मिनी क्रेशर स्थापित करने के लिए पूर्व की लाइसेंस की शर्तों में ढील देते हुए नजदीकी चीनी मिल गेट से आठ किलीमीटर के त्रिज्यात्मक फासले से बाहर पावर क्रेशर या मिनी क्रेशर स्थापित करने पर लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी।स्टीम ब्वायलिंग प्रोसेस लगाने के लिए इकाई के स्वामी की ओर से पेश किये गये आवेदन पत्र का गुण-दोष के आधार पर परीक्षण करके तीन कार्य दिवस में उप चीनी आयुक्त द्वारा निर्णय लिया जाएगा। खांडसारी इकाई वैक्यूम के तहत सिरप ब्रिक्स को अधिकतम 65 डिग्री तक इवोपोरेट करने की इजाजत होगी। मगर प्रदेश सरकार के इस फैसले पर शुगर लॉबी अभी से सवाल उठाने लगी है। शुगर लॉबी के सूत्रों ने सवाल उठाया कि चीनी मिल गेट से बजाए 15 किलोमीटर के आठ किलोमीटर के फासले पर खांडसारी यूनिट स्थापित होने से चीनी मिल और खांडसारी यूनिट के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इसके चलते खांडसारी यूनिट किसानों से औने पौने दामों पर गन्ना खरीदेगी, क्योंकि इन खांडसारी यूनिटों के लिए गन्ने का दाम तय ही नहीं किया गया है।

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