जुलाई तक हर पैक्स पर तैनात किए जाएंगे बिजनेस करेस्पांडेंट
सहकारिता विभाग गांवों में स्थित प्रारंभिक कृषि समितियों (पैक्स) पर एक-एक बिजनेस करेस्पांडेंट तैनात करने जा रहा है। इन करेस्पांडेंट को एक निश्चित धनराशि हर माह दी जाएगी। इस योजना के तहत राज्य में एक...
राज्य मुख्यालय / हेमंत श्रीवास्तवसहकारिता विभाग गांवों में स्थित प्रारंभिक कृषि समितियों (पैक्स) पर एक-एक बिजनेस करेस्पांडेंट तैनात करने जा रहा है। इन करेस्पांडेंट को एक निश्चित धनराशि हर माह दी जाएगी। इस योजना के तहत राज्य में एक साथ 7000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। गांवों में बैंकिंग कार्य करने के लिए हैंडहेल्ड मशीन की खरीद के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत कृषि विभाग से 28 करोड़ रुपये मांगे गए हैं। सहकारिता विभाग ने उ.प्र. सहकारी बैंक लि. तथा जिला सहकारी बैंकों की गतिविधियां तेज करने के लिए पैक्सों को एक्सटेंशन काउंटर के तौर पर संचालित करने का फैसला लिया है। इस योजना के तहत राज्य में सक्रिय 7479 पैक्सों पर ये बिजनेस करेस्पांडेंट रखे जाने का फैसला तीन-चार माह पहले ही ले लिया गया था, जिसपर अब काम शुरू किया गया है। हर महीने करीब 10 हजार रुपये कमाएंगे ये करेस्पांडेंट प्रमुख सचिव सहकारिता एमवीएम रामीरेड्डी ने बताया है कि बैंकिंग कार्य के लिए खरीदे जाने वाले प्रति हैंडहेल्ड मशीन की कीमत करीब 30 हजार रुपये अनुमानित है। करेस्पांडेंट को हर महीने पांच हजार रुपये तय धनराशि दी जाएगी, इसके अलावा बैंकिंग कार्य में उसे इंसेंटिव भी मिलेगा। यानी एक करेस्पांडेट महीने में करीब 10 हजार रुपये तक कमा सकेगा। गांवों में लेनदेन, लोन, एफडी आदि काम करेंगे ये करेस्पांडेंटयूपीसीबी के एमडी भूपेंद्र कुमार के मुताबिक बैंकिंग करेस्पांडेट स्थानीय लोगों को ही बनाया जाएगा। ये करेस्पांडेंट यूपीसीबी और डीसीबी के तहत किसानों को लोन दिलाने, फिक्स डिपाजिट करने, बैकिंग लेन देन आदि का काम करेंगे। किसानों के खाते भी खुलवाएंगे। उन्होंने बताया है कि पूरा प्रोजेक्ट तैयार है। जुलाई तक करेस्पांडेंट तैनात कर दिए जाएंगे। इस योजना से सबसे अधिक लाभ किसानों को होगा। खेती के लिए लोन के लिए उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा। 16 लाख किसान क्रेडिट कार्ड अब तक बनाए जा चुके हैं।