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बजट आया कम और खर्च हुआ ज्यादा -ऑनलाइन जानकारियां देने में बेसिक शिक्षा विभाग कर रहा गलतियां -ऐसे कैसे मिलेगा डिजिटल इण्डिया को बढ़ावा

विशेष संवाददाताऐसे कैसे डिजिटल इण्डिया को बढ़ाया मिलेगा कि बजट आया एक लाख और खर्च कर दिया डेढ़...

बजट आया कम और खर्च हुआ ज्यादा
-ऑनलाइन जानकारियां देने में बेसिक शिक्षा विभाग कर रहा गलतियां
-ऐसे कैसे मिलेगा डिजिटल इण्डिया को बढ़ावा
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 31 Aug 2020 07:22 PM
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----ऑनलाइन जानकारियां देने में बेसिक शिक्षा विभाग कर रहा गलतियां-ऐसे कैसे मिलेगा डिजिटल इण्डिया को बढ़ावाविशेष संवाददाता -राज्य मुख्यालयऐसे कैसे डिजिटल इंडिया को बढ़ावा मिलेगा कि बजट आया एक लाख और खर्च कर दिया डेढ़ लाख। शिक्षक हैं 1500 और दिखा दिए दो हजार...। ये और ऐसी ही कई गलत जानकारियां ऑनलाइन अपलोड करने में की जा रही हैं। यदि यही हाल रहा तो प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों और विभागीय कामों को ऑनलाइन कैसे किया जा सकेगा? हालांकि जिला स्तर पर विभाग ने एक पद जिला समन्वयक एमआईएस का है जरूर लेकिन विभाग में कई स्तरों पर जानकारियां पोर्टल पर अपलोड की जाती हैं। हालिया मामला निष्ठा ट्रेनिंग के ब्यौरे का है। जितना पैसा गया नहीं उससे ज्यादा का खर्च जिलों ने दिखा दिया है। मसलन प्रयागराज में 267.75 लाख रुपये निष्ठा ट्रेनिंग के लिए राज्य परियोजना कार्यालय से जारी किए गए लेकिन जिला स्तर से निष्ठा के लिए 482.15 लाख रुपये जारी किए गए। कुछ यही हाल बदायूं, बांदा, बहराइच, बाराबंकी, भदोही, संभल समेत दो दर्जन जिलों का है कि पैसा कम आया लेकिन रिलीज ज्यादा किया गया। वहीं शिक्षकों के ब्यौरे को लेकर भी अलग-अलग संख्या आ रही है। विभाग में पारदर्शिता बरतने के लिए सारा काम ऑनलाइन करने पर जोर है। ज्यादातर कामों में डाटा कैप्चर फार्म भरवाया जाता है ताकि सारी सूचनाएं एक जगह पर रहे लेकिन जिलों को अभी ढर्रे पर आने में समय लग रहा है।

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