अधिकारियों ने नहीं भेजी नामांकन की रिपोर्ट -प्रदेश में 1.50 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूलों में नामांकित लेकिन नहीं उपलब्ध कक्षावार नामांकन
राज्य मुख्यालय। भले ही राज्य सरकार बुनियादी शिक्षा के कील कांटे दुरुस्त करने का दम भर रही हो लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे। अभी तक लगभग साढ़े तीन दर्जन से ज्यादा जिलों ने...
राज्य मुख्यालय। भले ही राज्य सरकार बुनियादी शिक्षा के कील कांटे दुरुस्त करने का दम भर रही हो लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे। अभी तक लगभग साढ़े तीन दर्जन से ज्यादा जिलों ने बच्चों के नामांकन की पूरी रिपोर्ट ही नहीं भेजी है। यह हाल तब है कि बच्चों की संख्या के आधार पर ही शिक्षकों की नियुक्ति से लेकर अन्य योजनाएं लागू की जाती हैं। प्रदेश में स्कूल चलो अभियान 31 जुलाई तक चलाया गया। इसके बाद सभी जिलों को नामांकित बच्चों की संख्या कक्षावार भेजनी थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने भी दोबारा सभी बीएसए को पत्र लिखते हुए इस काम को वरीयता पर करने को कहा और 8 अगस्त तक रिपोर्ट मांगी लेकिन अभी तक ये रिपोर्ट सभी जिलों ने नहीं भेजी है। अब विभागीय अपर निदेशक ने इसमें दखल देते हुए सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि वे तुरंत सूचना उपलब्ध कराएं क्योंकि शासन ने इस पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इस वर्ष 1,50,50, 207 बच्चों का नामांकन सरकारी स्कूलों में हुआ है लेकिन किस कक्षा में कितना नामांकन हुआ है ये पूरी तरह शासन को नहीं पता। कक्षावार नामांकन उपलब्ध न कराने वाले जिलों में लखनऊ, उन्नाव, सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, कानपुर नगर, कानपुर देहात, औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, महोबा, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, कासगंज, अमरोहा, शाहजहांपुर, पीलीभीत, आजमगढ़, मऊ, सुलतानपुर, बहराइच, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, फतेहपुर, कौशाम्बी, ललितपुर, चित्रकूट, बांदा, शामली, मुजफ्फरनगर, आगरा, मुरादाबाद, बलिया, फैजाबाद, बाराबंकी, अम्बेडकरनगर, गोण्डा, बलरामपुर और श्रावस्ती,शमिल हैं।