दीक्षांत समारोह:: पदक मिले तो खिले मेधावियों के चेहरे, अब भरेंगे नई उड़ान
Lucknow News - पदक मिले तो खिले मेधावियों के चेहरे, अब भरेंगे नई उड़ान: -डॉ. शकुंतला मिश्रा

पदक मिले तो खिले मेधावियों के चेहरे, अब भरेंगे नई उड़ान: -डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के 12वें दीक्षांत समारोह का आयोजन -कुल 143 मेधावियों को 166 पदकों से अलंकृत किया गया -300 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों में विचरित की गई सामग्रियां लखनऊ, संवाददाता। डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के 12वें दीक्षांत समारोह में पदक पाकर मेधावियों के चेहरे खिल उठे। यहां कुल 143 मेधावी विद्यार्थियों को 166 पदकों से नवाजा गया। 76 पदक छात्राओं और 67 पदक छात्रों को मिले हैं। 27 दिव्यांग विद्यार्थियों में 41 पदक बांटे गए। इसमें 10 दिव्यांग छात्राएं व 17 दिव्यांग छात्र रहे। शैक्षिक सत्र 2024-25 में अनेक संकायों के तहत कुल 2113 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं।
इसमें 1151 छात्र और 962 छात्राएं शामिल रहीं। 22 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि से विभूषित किया गया। इसके अलावा विश्वविद्यालय की उपलब्धियों व कार्य योजनाओं पर आधारित स्मारिका का विमोचन हुआ। लखीमपुर प्रशासन और विवि की ओर से 300 आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकत्रियों में कई सामग्रियां वितरित की गईं। इस दौरान सामान्य परिषद, कार्य परिषद, विद्या परिषद के सदस्यगण, सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षकगण, अधिकारीगण, कर्मचारीगण, उपाधि प्राप्त विद्यार्थी, उनके परिजन आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। ग्रेजुएट योग्य होने का अंतिम दिन नहीं, लॉन्चिंग पैड मुख्य अतिथि आयुक्त दिव्यांगजन भारत सरकार एस. गोविन्दराज ने विद्यार्थियों को बधाई व शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि आपको बधाई देना मेरे लिए बहुत अच्छा समय है। ग्रेजुएट होने के लिए खुद को शिक्षित करने के लिए आपने जो प्रयास किया है, उसके लिए आप सभी की सराहना करते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि ग्रेजुएट होने का दिन योग्य होने या योग्य होने का अंतिम दिन नहीं है, यह आप सभी के लिए एक क्रमिक विकास, सपने और शिक्षा की इच्छाओं को शुरू करने के लिए एक लॉन्चिंग पैड हो सकता है। सीखना एक महान व्यक्ति के रूप में एक सतत प्रक्रिया है। शिक्षक सीखता रहता है, नहीं तो शिक्षण और शिक्षा की गुणवत्ता गायब हो जाएगी। हाशिए पर खड़े विद्यार्थी अब विवि के केंद्र में हैं : राज्यपाल समारोह की अध्यक्षता कर रहीं राज्यपाल व विवि की कुलाध्यक्ष आनंदीबेन पटेल ने दिव्यांगजनों को विशेष पदक मिलने पर खुशी जताई। पिछले कई समय से जो अवार्ड दिया जाता था, इसमें सबसे ज्यादा सामान्य विद्यार्थियों को मिलता था, दिव्यांगजन को एक दो पदक मिलते थे। पिछले दीक्षांत में मैंने दिव्यांगजनो के लिए अलग कैटेगरी रखने को कहा था। अलग कैटेगरी होगी तभी दिव्यांग ऐसे पदक प्राप्त करेंगे। उन्होंने अवार्ड मिलने को जिंदगी का नया अनुभव बताया। साथ ही उन्होंने मुख्य अतिथि एस गोविंदराज के कार्यों और दायित्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि वे विद्यार्थी जो हाशिए पर थे, आज इस विवि के केंद्र में हैं। विवि ने नेचर इंडेक्स रैंकिंग 2025 में 162वां व ओवर ऑल रिसर्च आउटपुट में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। विवि को रसायन विज्ञान श्रेणी में देश में 139वां और बायोलॉजिकल साइंस में 59वां स्थान मिला है। यह संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और छात्रों की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम हैं। कुलपति ने गिनाई विवि की उपलब्धियां कुलपति प्रो. संजय सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने बताया कि फिलहाल विवि में 10 संकाय और 35 विभाग हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सत्र 2025-26 से चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम लागू कर दिया गया है, इससे प्रोग्राम और कोर्सेज में वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष सीयूईटी के जरिए प्रवेश लिए जाने की व्यवस्था से डेढ़ गुना अभ्यर्थियों में बढ़ोतरी हुई। अब मूल्यांकित उत्तर-पुस्तिकाएं विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम घोषित होने से पहले दिखाई जाती हैं। इससे चुनौती मूल्यांकन में काफी कमी आई, परीक्षा परिणाम भी जल्दी घोषित हो जा रहे हैं। कुलपति ने ब्रेल पुस्तकालय, रैंकिंग और पैरा खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन आदि की जानकारी दी। 300 से 1000 हुई दिव्यांगजन भरण पोषण राशि विशिष्ट अतिथि पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री नरेन्द्र कश्यप मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि नि:शुल्क कृत्रिम अंग और पुनर्वास केंद्र के माध्यम से 7021 दिव्यांगजनों को उपकरण उपलब्ध कराने में सफलता हासिल की है। जून 2025 में यूपी में 11 लाख 32 हजार 240 दिव्यांगजनों को भरण पोषण की राशि वितरित किया गया। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों के भरण पोषण की राशि 2017 के पूर्व मात्र 300 रुपए प्रतिमाह मिलती थी। इस 300 को बढ़ाकर हमारी सरकार ने 1000 रुपए किया, जिससे लाखों दिव्यांगजन लाभान्वित होकर अपने जीवन यात्रा को आगे बढ़ा रहे हैं। सांकेतिक भाषा में भी सभी कार्यक्रमों की प्रस्तुति दीक्षांत के दौरान विश्वविद्यालय की खास पहल संचालन, वंदे मातरम्, कुलगीत से लेकर एक-एक कार्यक्रम की सांकेतिक भाषा में भी प्रस्तुति कराई गई। हर भाषण और कार्यक्रम के लिए अलग-अलग प्रस्तुतकर्ता मौजूद थे। इससे श्रवण बाधित छात्र और लोगों को कार्यक्रम में आसानी रही। गोद लिए विद्यालयों के बच्चे सम्मानित विवि की ओर से गोद लिए ग्रामीण क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में चित्रकला भाषण और कहानी कथन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुस्कृत किया गया। प्रा वि फतेहगंज काकोरी से महिला सशक्तीकरण पर भाषण देकर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली अनन्या द्विवेदी कक्षा चार को प्रमाण पत्र व फल भरी टोकरी देकर सम्मानित किया। इसके अलावा कई अन्य विद्यालयों के विद्यार्थियों को सम्मान मिला। दिव्यांगों को मिले विशेष पदक इस वर्ष दिव्यांगजनों के लिए विशेष पदकों की व्यवस्था की गई है। दिव्यांग छात्रों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से दृष्टिबाधित
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