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पुस्तक मेला

पुस्तक मेले में कम रुचि दिखा रहे पाठक

पुस्तक मेला
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 10 Sep 2018 08:06 PM
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पुस्तक मेले में कम रुचि दिखा रहे पाठक

-किताबों से नहीं मगर मेले से हो रहा मोहभंग

-आयोजन स्थल तक पहुंचना मुसीबत, ऑनलाइन किताबें खरीदना बेहतर विकल्प

लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता

पुस्तक मेला...जिसका इंतजार पूरे साल शहर के पुस्तक प्रेमी करते हैं, इस बार पाठकों को कुछ खास रास नहीं आ रहा। कारण एक नहीं कई है जिनके चलते उतने लोग यहां नहीं पहुंच रहे जितने पहुंचने चाहिए। ऐसा नहीं है कि किताबों से लोगों का मोहभंग हो रहा है लेकिन दूसरी कई वजहों से पाठक मेले का रुख नहीं कर रहे।

कारण 1- लखनऊ विवि में पढ़ने वाले एक रवि जैन को किताबें पढ़ना खूब भाता है। मेले के भी वह नियमित ग्राहक रहे हैं लेकिन कहते हैं कि अब तो यही समझ में नहीं आता कि कौन से मेले में जाएं। पहले पूरे साल में एक ही मेला होता था, तीन-चार होने लगे हैं। कौन सा वाला ज्यादा बेहतर है, यह समझना मुश्किल है।

कारण 2- अलीगंज में रहने वाली पूजा भाटिया पेशे से शिक्षक हैं और किताबों का अच्छा कलेक्शन है इनके पास। मेले में नहीं पहुंच पा रहीं और इसकी वजह उनके लिए सिर्फ एक है, ट्रैफिक। कहती हैं कि मोती महल लॉन तक तो जाना आसान है लेकिन मेट्रो के काम और उसके चलते शहर में लगने वाले जाम के कारण चारबाग तक पहुंचना टेढ़ी खीर है। उनके अनुसार आयोजकों ने जगह गलत चुनी है।

कारण 3- आज के युवा पाठक, जिनका ज्यादा वक्त मोबाइल, लैपटॉप या टैब पर गुजरता है उन्हें पढ़ने-पढ़ाने का ऑनलाइन तरीका ज्यादा बेहतर लगता है। एक युवा ब्लॉगर सुधीश कहते हैं कि पढ़ने का मुझे भी बहुत शौक है, किताबें भी खूब हैं लेकिन मेले में जाकर किताबें खरीदने से बेहतर है कि ऑनलाइन मंगा लूं। वैरायटी ज्यादा मिलती है, दाम भी वहां से बहुत कम होते हैं।

बॉक्स

बदलना चाहिए कलेवर

पाठकों का कहना है कि शहर में तीन या चार पुस्तक मेले होना गलत नहीं है, यह पाठकों के लिए अच्छा ही है लेकिन आयोजकों को सबसे पहले तो जगह का ध्यान रखना होगा। दूसरे जब तक पाठकों को वैरायटी नहीं मिलेगी और अच्छे प्रकाशक नहीं मिलेंगे, तब तक उनका रुझान इधर नहीं होगा। पुस्तक मेले का प्रचार-प्रसार और उपलब्धता वर्चुअल दुनिया तक करके पाठकों के लिए कुछ नई चीजें भी जोड़नी होंगी।

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मेले में गूंजे नीरज के गीत

सृजन फाउंडेशन की ओर से सोमवार को पुस्तक मेले में पद्मभूषण गोपालदास ‘नीरज की स्मृति में उनके लिखे फिल्मी गीतों पर संगीतमय आयोजन किया गया। वरण्या मेहरोत्रा ने गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की। उसके बाद स्वरा त्रिपाठी ने 'न मेरी है न तेरी है..', शाइनी गुप्ता ने 'सुबह न आई शाम न आई...', स्तुति जैन व समृद्धि सक्सेना ने 'जीवन की बगिया...', अदिति जायसवाल ने 'रंगीला रे तेरे रंग में...', वागीशा पंत ने 'शोखियों में घोला जाए...', यथार्थ पांडेय ने 'आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं...', सौम्या सिंह ने 'आज मदहोश हुआ जाए रे...', नंदिनी खरे ने 'फूलों के रंग से...', समृद्धि सक्सेना ने 'काल का पहिया...', ऐश्वर्या जायसवाल ने 'देख तमाशा देख...', रूबल जैन ने 'लिखे जो खत तुझे...', दिया राय चौधरी ने 'जैसे राधा ने माला जपी...', स्तुति जैन ने 'चूड़ी नहीं ये मेरा दिल है...' जैसे गीतों पर खूबसूरत प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन राखी अग्रवाल ने किया।

मुनव्वर राना को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

पुस्तक मेले के प्रमुख आयोजनों में सोमवार को मशहूर शायर मुनव्वर राना को 'प्रथम लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड' दिया गया। हालांकि वह इलाज के लिए दिल्ली गए हुए हैं इसलिए अवॉर्ड उनके प्रतिनिधियों ने ग्रहण किया। इसके साथ ही परवेश जैन के संचालन में हुए सम्मान समारोह में महापौर संयुक्ता भाटिया व भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने लखनऊ सेवा रत्न सम्मान से अभिनेता डॉ. अनिल रस्तोगी, शायर मुहम्मद अली साहिल, लोकगायिका पद्मा गिडवानी, रचनाकार रंगनाथ मिश्र सत्य, सौरभ मौर्या, दयानन्द पांडेय, आकाशवाणी निदेशक पृथ्वीराज चैहान, बाल साहित्यकार संजीव जायसवाल संजय, प्रसारणकर्ता आत्मप्रकाश मिश्र, मुनव्वर अंजार, डॉ. अमिता दुबे, समाजसेवी सुल्तान शाकिर को नवाजा। उद्घोषिका बिंदु जैन का सम्मान उनके पिता ने ग्रहण किया। इसी क्रम में डॉ. अनिल मिश्र की अध्यक्षता, मनोज शुक्ल के संचालन व डॉ. अनीता श्रीवास्तव के संयोजन में यहां कवि सम्मेलन 'एक शाम कविता के नाम' भी हुआ। जिसमें संध्या सिंह, विजय पुष्पम, निर्मला सिंह, सरला, सोनी मिश्र, रोली श्रीवास्तव, सत्या सिंह, वसीम, साजिदा सबा, वर्षा श्रीवास्तव, सीमा मधुरिमा, सुलाख राहित मीत, ज्योति सिंह, अमिता दुबे, चन्द्रशेखर व डॉ. मालविका हरिओम ने रचनाएं पढ़ीं। कार्यक्रम में ताहिरा हसन और मोनिका भोनवाल ने भी शिरकत की।

मेले में आज-

दोपहर 12.30 बजे- आभा साहित्य उत्थान परिषद की काव्यगोष्ठी

शाम 5.30 बजे- हेल्प यू ट्रस्ट की ओर से नीरज पर काव्यात्मक कार्यक्रम

शाम 7 बजे- सिरमौर सम्मान समारोह

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