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योगी की टीम में बने रहने के खातिर उपलब्धियों के कागजी घोड़े दौड़ा रहे हैं मंत्री

प्रमुख संवाददाता / राज्य मुख्यालय। कर्नाटक चुनाव के बाद मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की चर्चा ने कई मंत्रियों की रातों की नींद गायब कर दी है। ऐसे मंत्री अपना रिपोर्ट कार्ड दुरुस्त करने के लिए आजकल प्रेस...

योगी की टीम में बने रहने के खातिर उपलब्धियों के कागजी घोड़े दौड़ा रहे हैं मंत्री
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 20 Apr 2018 09:00 PM
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प्रमुख संवाददाता / राज्य मुख्यालयकर्नाटक चुनाव के बाद मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की चर्चा ने कई मंत्रियों की रातों की नींद गायब कर दी है। ऐसे मंत्री अपना रिपोर्ट कार्ड दुरुस्त करने के लिए आजकल प्रेस कांफ्रेंस और प्रेस नोट के जरिए अपनी उपलब्धियों का बखान कर रहे हैं। एक दर्जन मंत्रियों के कामकाज को इंगित कर गए शाहभाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पिछली 11 अप्रैल को लखनऊ आकर प्रदेश सरकार के मंत्रियों के कामों की समीक्षा की थी। उन्होंने अपने सूत्रों और भाजपा सांसदों से मिली सूचनाओं के आधार पर हर मंत्री का रिपोर्ट कार्ड भी तैयार किया था। उन्होंने इसी आधार पर एक दर्जन मंत्रियों के कामकाज पर नाराजगी भी जताई थी। जाते-जाते मंत्रिमंडल के पुनर्गठन के दौरान ऐसे मंत्रियों को छुट्टी करने के भी संकेत देकर गए थे। अब यही मंत्री अपने विभागों से आंकड़े जुटा कर अपनी उपलब्धियों के कागजी घोड़े दौड़ा रहे हैं। आबकारी विभाग को राजस्व की क्षति भी नजर में श्री शाह ने जनता से सीधे तौर पर जुड़े विभाग सहकारिता, शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, समाज कल्याण और ग्रामोद्योग सरीखे विभागों पर खास समीक्षा की। इसके अलावा आबकारी की नई नीति के कारण सरकार को पहुंच रही राजस्व की क्षति को भी उन्होंने विभाग के लिए अच्छे लक्षण नहीं माने थे। उन्होंने उसे आबकारी विभाग की असफलता माना था। स्कूलों पर भाजपा के वादे के विवादित होने पर नाखुशीनिजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने या फिर स्कूली बच्चों को किताब, स्कूली बैग व यूनीफार्म उपलब्ध कराने में भाजपा के वादे को पूरा करने में शिक्षा विभाग की विवादित भूमिका पर भी वे नाखुश दिखे। खेतों में पानी मिलने को लेकर किसानों को राहत न मिलने को भी श्री शाह ने अपनी नजर में रखा।विभागों की खींचतान विकास में रोड़ाविभागों की खींचतान भी उनके संज्ञान में लाई गई। डा. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट में लोहिया अस्पताल में विलय को लेकर दो विभागों में चल रही खींचतान को भी उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए हितकर नहीं माना है। यह तब हो रहा है जब मुख्यमंत्री खुद विलय की घोषणा कर चुके हैं। सरकार के शुरुआती दिनों में गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन की कमी से नवजात शिशुओं की मौत पर मंत्रियों की बयानबाजी और प्रकरण को हैंडिल करने के तरीकों पर भी केन्द्रीय नेतृत्व ज्यादा खुश नहीं है। इसके अलावा आधा दर्जन मंत्रियों के भ्रष्टाचार की शिकायतें भी पीएम मोदी से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक पहुंची हैं। ऐसे मंत्रियों का मंत्रिमंडल से पत्ता साफ होना तय है।

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