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बिहार से सटे जिलों में कई गुना बढ़ी शराब की खपत

-नहीं रूक पा रही शराब की तस्करी, हरियाणा से पश्चिमी जिलों में आ रही, पूर्वांचल से बिहार जा रहीसन्तोष वाल्मीकि/ राज्य मुख्यालयबिहार में शराबबंदी के बाद यूपी से सटे पूर्वी उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती...

बिहार से सटे जिलों में कई गुना बढ़ी शराब की खपत
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 14 Aug 2017 08:17 PM
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-नहीं रूक पा रही शराब की तस्करी, हरियाणा से पश्चिमी जिलों में आ रही, पूर्वांचल से बिहार जा रहीसन्तोष वाल्मीकि/ राज्य मुख्यालयबिहार में शराबबंदी के बाद यूपी से सटे पूर्वी उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में चल रहे मयखानों की बल्ले-बल्ले हो गई है। कभी पूर्वांचल की इन लाइसेंसी शराब की दुकानों पर देसी शराब का मासिक कोटा उठाने में शराब विक्रेताओं को छींके आती थीं। मगर अब इनके चेहरे खिले हुए हैं। देवरिया, कुशीनगर, चन्दौली, बलिया, संतकबीरनगर, गोरखपुर, महाराजगंज आदि जिलों में अंग्रेजी शराब की बिक्री में 25 फीसदी की बढ़ोत्तरी भी मुश्किल थी, अब इन दुकानों से अंग्रेजी शराब की मासिक बिक्री में 70 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोत्तरी का चलन है। सुप्रीमकोर्ट के आदेश से हाईवे पर शराब की दुकानें बंद होने के बाद प्रदेश के आबकारी राजस्व में गिरावट के कयास लगाए जाने लगे थे। मगर बिहार की शराब बंदी ने इस संकट को दूर कर दिया है। आबकारी विभाग के अफसर स्वीकार करते हैं कि पूर्वांचल के इन जिलों में चल रही लाइसेंसी शराब की दुकानों पर बिहार के करीबी जिलों के शौकीन सिर्फ शराब का लुत्फ उठाने सीमा पार आते हैं। इसके अलावा यूपी से बिहार में देसी और अंग्रेजी शराब की तस्करी भी हो रही है। देवरिया और कुशीनगर में तो अब देसी शराब का मासिक कोटा सौ फीसदी उठ रहा है। प्रदेश का आबकारी विभाग शराब की तस्करी रोक पाने में पूरी तरह नाकाम है। एक तरफ यूपी की शराब पूर्वांचंल के जिलों से बिहार भेजी जा रही है तो दूसरी तरफ हरियाणा से तस्करी कर लाई जा रही अंग्रेजी शराब राज्य के पश्चिमी जिलों में खूब खप रही है। कहने को तो निगरानी के लिए आबकारी विभाग के प्रवर्तन दस्ते, स्पेशल स्ट्राइकिंग फोर्स, एक्साईज इण्टलीजेंस ब्यूरो और जिलों में आबकारी निरीक्षकों का पूरा लाव लश्कर है। इसके बावजूद शराब की तस्करी नहीं रोकी जा पा रही है। -'पूर्वांचल के जिलों में अगर शराब का उपभोग बढ़ा है तो इसका मतलब है कि अवैध शराब बनाने और बेचने के गलत धंधों पर अंकुश लगा है। इसीलिए वहां लाइसेंसी दुकानों से बिक्री बढ़ी है। पश्चिमी जिलों में हरियाणा से तस्करी हमारी भी चिन्ता का सबब है और हम इसे पूरी तरह रोकने की कोशिश में लगे भी हुए हैं।'-धीरज साहू, आबकारी आयुक्त उ.प्र.

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