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भारतेन्दु हरिश्चंद्र की 133वीं पुण्यतिथि आज

भारतेन्दु को भूली उन्हीं की नाट्य एकेडमी

भारतेन्दु हरिश्चंद्र की 133वीं पुण्यतिथि आज
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 05 Jan 2018 09:34 PM
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-आंतरिक राजनीति में फंसकर अपनी गरिमा खो रहा एक बेहतरीन संस्थान

-न शिक्षक पूरे, न छात्र संतुष्ट, आए दिन होती रहती है हड़ताल

-आज भारतेन्दु हरिश्चंद्र की पुण्यतिथि पर स्मृतिसभा तक करने की फुरसत नहीं

लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता

अभिनय और रंगमंच के प्रशिक्षण की बात आती है तो सबसे पहले नेशनल ड्रामा स्कूल का नाम आता है और उसके बाद भारतेन्दु नाट्य अकादमी का जिक्र होता है। वह अकादमी जो न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के रंगकर्मियों के लिए तीर्थ सरीखी हुआ करती थी, आज केवल आंतरिक राजनीति के चलते अपनी गरिमा खोती जा रही है।

यहां तक कि जिन भारतेन्दु हरिश्चंद्र के नाम पर अकादमी को स्थापित किया गया, उनकी पुण्यतिथि तक अकादमी को याद नहीं है। शनिवार को भारतेन्दु की 133वीं पुण्यतिथि है और इस मौके पर यहां कोई आयोजन नहीं किया जा रहा। अकादमी के निदेशक रमेश चंद से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि आयोजन भारतेन्दु की जयंती पर सितम्बर में किया जाएगा।

कमियों से जूझ रहा एक बेहतरीन संस्थान: जिस समय अकादमी की स्थापना हुई थी, उस समय यहां से देश के बड़े नाम जुड़े हुए थे। प्रख्यात रंगकर्मी प्रो. राज बिसारिया संस्थापक निदेशक बने, अभिनेता अनुपम खेर ने यहां कक्षाएं लीं, राजपाल यादव, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, अनुपम श्याम जैसे कई बड़े कलाकार यहीं के मंच पर अपने अभिनय को मांजकर आगे तक पहुंचे लेकिन आज स्थिति यह है कि यहां शिक्षक भी पूरे नहीं हैं। केवल एक स्थाई शिक्षक के अलावा बाकी का काम गेस्ट फैकल्टी के सहारे चले रहा है। यह कमी आज की नहीं, कई वर्ष पुरानी है लेकिन जिम्मेदारों का इस ओर ध्यान तक नहीं है।

जब-तब हो जाती है हड़ताल: एकेडमी में छात्र अच्छी पढ़ाई व बेहतर सुविधाएं न मिल पाने के कारण अक्सर आंदोलन पर आ जाते हैं। वहीं कर्मचारी अपने हक के लिए आवाज उठाते रहते हैं। लगभग एक माह पहले भी यहां कई मांगों को लेकर कर्मचारियों की हड़ताल हुई थी।

फरवरी में होना है नाटक, दीक्षांत अभी नहीं

निदेशक रमेश चंद ने बताया कि कीर्ति जैन के निर्देशन में 'विरासत' की रिहर्सल चल रही है। इसका मंचन फरवरी के पहले हफ्ते में किया जाएगा। वहीं दीक्षांत समारोह की बात पर उन्होंने कहा कि अभी बजट पास नहीं हुआ है। बजट मिलने के बाद ही इस बारे में सोचा जा सकता है।

हिन्दी संस्थान में होगी सभा: उधर उप्र हिन्दी संस्थान में शनिवार को भारतेन्दु हरिश्चंद्र की स्मृति में एक गोष्ठी आयोजित की जाएगी। यहां 'नवजागरण की चेतना और भारतेन्दु हरिश्चंद्र' विषय पर चर्चा होगी।

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