कृष्ण-सुदामा की कथा का रसपान कराया
Lucknow News - लखनऊ्र, संवाददाता। बीरबल साहनी मार्ग स्थित खाटू श्याम मंदिर परिसर में चल रही संगीतमयी

लखनऊ्र, संवाददाता। बीरबल साहनी मार्ग स्थित खाटू श्याम मंदिर परिसर में चल रही संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन कथाव्यास स्वामी बाल भरत जी महाराज ने सुदामा चरित्र व महाराज परीक्षित जी के मोक्ष की कथा सुनायी। इसके साथ ही भागवत कथा को विश्राम दिया। विश्राम दिवस पर कथा व्यास जी ने भगवान के बाल सखा भक्त सुदामा जी और श्रीकृष्ण की मित्रता की भावपूर्ण कथा का रसपान कराया। उन्होंने कहा कि सच्चा मित्र वही है जो अपने मित्र के बुरे समय में उसके साथ खड़ा रहे। भगवान कृष्ण के 16 हजार विवाह की कथा सुनाते हुए स्वामी जी कहा कि 16 हजार विवाह करना भगवान द्वारिकाधीश की विवशता थी।
क्योंकि राजा भौमासुर ने इन कन्याओं को बंदी बना रखा था। भगवान ने नरकासुर का वध कर इन कन्याओं को मुक्त कराया और प्राण बचाये। तब कन्याओं ने कहा कि कारागार में बंदी रहने के कारण कोई उनसे विवाह नहीं करेगा। वह समुद्र में डूब जाएंगी। इसे देखते हुए भगवान कृष्ण को उन कन्याओं से विवाह करना पड़ा।
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