जानलेवा हमले के 20 दोषियों को दस-दस साल की सजा
फैसला
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25 अगस्त 2014 को कलश विसर्जन को लेकर हुआ था बवाल
दोषियों को दस-दस हजार रुपए का जुर्माना भी अदा करना होगा
बलरामपुर। हिन्दुस्तान संवाद
जान से मारने के प्रयास के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम न्यायाधीश विजय कुमार आजाद ने 20 लोगों को दस-दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों को दस-दस हजार रुपए का जुर्माना भी अदा करना होगा। जुर्माना न अदा करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा। मामला थाना महराजगंज तराई के धौरहरी गोपालीपुर गांव का है।
ग्राम धौरहरी निवासी संतोष कुमार पुत्र हीरालाल ने 25 अगस्त 2014 को थाने में दी गई तहरीर में आरोप लगाया कि उसी दिन सुबह करीब सात बजे कलश विसर्जन व पुरानी रंजिश में गांव के ही दिलकुशा, निसार, मंगरे, शहजाद उसे व उसके भाई अशोक तथा दिनेश को लाठी डंडे से पीटने लगे। विरोध पर मो. जिकरी, अली हुसैन, देशई, मोहर्रम अली, असलम, जमालुद्दीन, शौकत अली, नादे धुनिया, बरसाती, नशरुल्ला, अजमत उल्ला, जफरुल्ला, भुर्रे, किन्ने, ननके ने मिलकर जान से मारने की नीयत हम लोगों पर हमला बोल दिया। संतोष कुमार व उसका भाई जान बचाने के लिए गन्ने के खेत में छुप गए। इस बीच खेत में काम कर रहे उसके बड़े पिता लाल बहादुर को भी सभी आरोपी मारने-पीटने लगे इससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। बीच बचाव में गांव के सकटू यादव, संतोष वर्मा, अजय कुमार व तिलकराम को भी मारा-पीटा गया और गांव स्थित मंदिर को क्षतिग्रस्त करने के लिए पत्थरबाजी की गई। अफरातफरी के बीच लाल बहादुर को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने मामले में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने दिलकुशा, निशार, मंगरे, मो. जिकरी, बरसाती धुनिया, नादे, शौकत अली, जमालुद्दीन, लाखे उर्फ अखलाक, मोहर्रम अली, असलम, अली हुसैन, जफरुल्ला, अजमतुल्ला, नसरुल्ला, देशई, सलमान, भुर्रे, नन्हे, मंगरे उर्फ सफा व किन्ने को दस-दस साल की सजा सुनाई है।