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सांसदों के विरोध के बीच शिक्षकों की नियुक्त पर बाम ने लगाई मुहर

लखनऊ। निज संवाददाताबाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट (बाम) की मंगलवार को हुई बैठक में दो सांसद सदस्यों के पुरजोर विरोध के बीच शिक्षकों की नियुक्ति के...

सांसदों के विरोध के बीच शिक्षकों की नियुक्त पर बाम ने लगाई मुहर
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊTue, 14 Nov 2017 09:00 PM
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लखनऊ। निज संवाददाताबाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट (बाम) की मंगलवार को हुई बैठक में दो सांसद सदस्यों के पुरजोर विरोध के बीच शिक्षकों की नियुक्ति के परिणाम वाले लिफाफे खोल दिए गए। इन सांसदों का कहना था कि नियुक्त प्रक्रिया में लागू रोस्टर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशों नहीं बनाया गया है। दोनों सदस्यों ने विरोध स्वरूप बैठक का बहिष्कार कर दिया। इसके अलावा बाम सदस्यों ने नए कुलपति के चयन वाली सर्च कमेटी के लिए नामित किए जाने वाले दो सदस्यों के नाम पर अपनी संस्तुति दे दी।बाम की हंगामेदार बैठक होने की पहली ही आशंका व्यक्त की जा रही थी। यह माना जा रहा था कि शिक्षकों की नियुक्त में जिस तरह से रोस्टर बनाए जाने में देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले की अनदेखी की गई है। उसे लेकर कुछ सदस्य सहमत नहीं होंगे। मंगलवार को दिल्ली के इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. आरसी सोबती ने की। सूत्रों के अनुसार शिक्षकों की नियुक्त से जुड़े परिणाम वाले लिफाफे खोलने की बारी आई तो मिश्रिख संसदीय क्षेत्र की बाम की सांसद श्रीमती अंजू बाला और बहराइच की सांसद सावित्री बाई फूले ने इसका विरोध किया। श्रीमती फूले हाईकोर्ट के निर्देश पर बैठक में शामिल हुई थीं। श्रीमती अंजू व श्रीमती फूले ने सही ढंग से रोस्टर लागू किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कोर्ट का निर्देश है कि लिफाफे खोलने से पहले आरक्षण के रोस्टर को सही तरीके से लागू किया जाए। शिकायतकर्ताओं की शिकायत का निस्तारण करने के बाद ही नियुक्त के लिफाफे खोले जाए। शिकायत के निस्तारण के बाद करीब 15 दिन तक नियुक्त पर कोई फैसला बाम नहीं ले। साथ ही कहा कि उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय के चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू है। ऐसे में बिना चुनाव आयोग की अनुमति के लिफाफे खोलना गलत है। उनकी बात अनुसूनी कर लिफाफे खोलने जाने के फैसले के विरोध में दोनों ही सांसदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। इसके अलावा बाम ने कुल सचिव की बखास्तगी के कुलपति के निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी। नए कुलपति के लिए बनाई जाने वाली सर्च कमेटी के लिए रिटायर जस्टिस बाला कृष्णन और प्रो. एसपी गुप्ता के नाम नामित कर दिए। साथ प्रो.विपिन सक्सेना के निलम्बन वापसी के मामले को अगली बैठक के लिए टल दिया। ------------------------------------------------------राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट तक होंगी शिकायत बहराइच की सांसद श्रीमती सावित्री बाई फूले ने बाम की बैठक के बाद ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि कुलपति प्रो. आरसी सोबती ने बाम की बैठक में न्यायालय और नियमों की अनदेखी कर नियुक्त के परिणाम पर मुहर लगावाई है। वह दलित समाज के साथ हुए इस अन्याय की शिकायत विवि के विजिटर व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से करेंगी। मामले को सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में भी ले जाएंगी। संसद में भी मामले को उठाएंगी। दलित समाज को न्याय दिलाने के लिए सड़क पर भी संघर्ष करेंगी।

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