बाल गृह शिशु के कमरों में सीलन, रहन-सहन बेहतर नहीं
प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय बालगृह (शिशु) में बच्चे सीलन भरे कमरों में रहने को मजबूर हैं। कमरों का रहन-सहन भी बेहतर नहीं है। कई जरूरत की चीजे बहुत पुरानी और जर्जर सी हो गई हैं। लेटने के कई बिस्तर...
प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय बालगृह (शिशु) में बच्चे सीलन भरे कमरों में रहने को मजबूर हैं। कमरों का रहन-सहन भी बेहतर नहीं है। कई जरूरत की चीजें बहुत पुरानी और जर्जर सी हो गई हैं। लेटने के कई बिस्तर (तख्त) खस्ताहाल हैं। राजकीय महिला शरणालय में कमरे नए हैं लेकिन यहां भी सीलन पाई गई।
राजधानी में स्थित महिला कल्याण विभाग की ओर से संचालित 33 राजकीय गृह, संगठनों और शरणालयों के औचक निरीक्षण में यह निकल कर आया है। एसीएम प्रथम प्रफुल्ल त्रिपाठी ने निरीक्षण के बाद बताया कि राजकीय बालगृह में सीलन की वजह से कमरों का माहौल भी अच्छा नहीं है। पूरी बिल्डिंग में ही यहां सीलन दिखती है। वहीं प्राग नारायण रोड पर स्थित राजकीय महिला शरणालय में कमरों की स्थिति ठीक मिली लेकिन नए कमरे होने के बावजूद इनमें सीलन आ रही है। इसके लिए एसीएम ने संस्थान को कड़े निर्देश देते हुए दो दिन के भीतर सभी कमरों की स्थिति सुधारने के निर्देश दिए हैं। अगर दो दिनों में कमरे बेहतर नहीं हुए तो संस्थान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एसीएम द्वितीय ने काजमैन रोड स्थित ऑल इंडिया शिया यतीमखाना और समाज सेवा संस्थान सराय माली खां का निरीक्षण किया। एसीएम तृतीय ने कैंट रोड स्थित हाली क्रॉस वेल्फेयर ट्रस्ट का निरीक्षण किया।