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बढ़ रही बीमारियों से मुकाबले के लिए आयुर्वेद में है बेहतर इलाज

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बढ़ रही बीमारियों से मुकाबले के लिए आयुर्वेद में है बेहतर इलाज
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 05 Nov 2018 09:11 PM
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- राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, मड़ियांव राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल, विवेकानंद अस्पताल में हुआ कार्यक्रम

- बच्चों को आयुर्वेद के प्रति जागरुक किया, संभाषण व क्विज प्रतियोगिता के विजयी छात्र हुए पुरस्कृत

लखनऊ। निज संवाददाता

उत्तर प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म विकसित करने की अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए आयुर्वेद डॉक्टरों को और अधिक मेहनत करने की जरूरत है। आज आवश्यकता आयुर्वेद की है। जैसे बीमारियां बढ़ रही हैं, उससे मुकाबला करने के लिए आयुर्वेद में बेहतर इलाज है। आयुर्वेद को राष्ट्रीय चिकित्सा पद्धति बनाना चाहिए। यह बात सोमवार को आयुर्वेद निदेशक डॉ. एसएन सिंह ने कही। राजधानी में कई जगह राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर जागरुकता कार्यक्रम हुए। सभी जगह आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की विधि-विधान से पूजा की गई।

वंदना व मंजू को प्रथम पुरस्कार

टूड़ियागंज स्थित राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में हुए कार्यक्रम में निदेशक डॉ. एसएन सिंह, विधायक सुरेश श्रीवास्तव, डॉ. सुरेश चंद, आरएन बाजपेई, डॉ. एसके मिश्र, डॉ. एनडी मिश्र, डॉ. एसएस बेदार, डॉ. रेखा बाजपेई, डॉ. सुनीता, डॉ. शचि समेत अन्य प्रमुख रूप से रहे। अतिथियों ने संभाषण प्रतियोगिता में डॉ. मंजू रानी को प्रथम, डॉ. स्वयंप्रभा जाटव को द्वितीय व डॉ. गीतिका मलिक को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया। वहीं, क्विज प्रतियोगिता में डॉ. वंदना तिवारी, डॉ. अनुज वर्मा, डॉ. सचिन वोहरा, डॉ. नम्रता मिश्रा, डॉ. अर्चना यादव, और डॉ. सौरभ शर्मा को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। विधायक सुरेश ने नई एक्सरे मशीन लगवाने का आश्वासन दिया।

बाल निकुंज स्कूल में हुई प्रतियोगिताएं

मड़ियांव के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की प्रभारी डॉ. तृप्ति आर. सिंह ने यहां के बाल निकुंज विद्यालय में एक संगोष्ठी व प्रतियोगिता का आयोजन किया। यहां करीब 12 सौ बच्चों ने आयुर्वेद से जुड़े पोस्टर और स्लोगन से जागरुकता फैलाई। बच्चों ने विद्यार्थी जीवन में आयुर्वेद का महत्व विषय पर अपने विचार रखे। डॉ. तृप्ति ने बताया कि आयुर्वेद भारतीय संस्कृति की अमर विरासत है। यहां उन्होंने बच्चों को संकल्प दिलाया कि आयुर्वेद को भावी पीढ़ी की जीवनचर्या का हिस्सा बनाएं। लोगों को आयुर्वेद के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरुक करें। आयुर्वेद दवाओं या नुस्खों को अपनाने से शरीर या अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। पोस्टर प्रतियोगिता में यश गुप्ता, हसीना खातून, शालू रावत व उत्कर्ष, स्लोगन में सुरभि, अखिल शुक्ला व सैय्यद लका रहमानी, निबंध में गौरव सिंह, प्रशांत शुक्ला, वाद-विवाद में अनुष्का बाजपेई, प्रशांत सैनी व अखिल शुक्ला को पुरस्कृत किया गया।

विवेकानंद में मरीजों की जांच हुई

विवेकानंद पॉलीक्नीनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान में धन्वंतरि जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विजय सेठ ने किया। संस्थान के सचिव स्वामी मुक्तिनाथानंद महाराज ने स्वस्थ रहने के लिए आहार, निद्रा और नियंत्रित दिनचर्या के महत्व को बताया। संस्कृत स्टेट आयुर्वेदिक कॉलेज के पूर्व प्रवक्ता मुख्य अतिथि डॉ. मोहनचंद्र भट्ट रहे। संस्थान के निदेशक डॉ. टी. प्रभाकर, डॉ. जय कुमार दीक्षित, वैद्य पारसनाथ शुक्ल ने नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर में 50 से अधिक मरीजों की जांच व दवा दी।

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