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अच्छे शोध से आयुर्वेद के मरीजों को मिलेगा लाभ

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अच्छे शोध से आयुर्वेद के मरीजों को मिलेगा लाभ
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSat, 28 Jul 2018 09:40 PM
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- आयुर्वेद डॉक्टरों के लिए वैज्ञानिक लेखन पर हुई कार्यशाला लखनऊ। निज संवाददाता मरीजों के बेहतर से बेहतर इलाज के लिए आयुर्वेद में अच्छे शोध की जरुरत है। इसके लिए इस विधा के युवा डॉक्टरों को शोध के वैज्ञानिक लेखन में भी अपनी रुचि दिखाना होगा। इससे शोध को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही आयुर्वेद दवाओं की गुणवत्ता में काफी सुधार होगा। इसका सीधा लाभ आयुर्वेद के मरीजों को मिलेगा। उनका रुझान भी आयुर्वेद के प्रति बढ़ेगा। यह बात शनिवार को राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के प्रो. संजीव रस्तोगी ने कही। चरक व सुश्रुत संहिता बेहतर एसोसिएशन ऑफ आयुर्वेदिक फिजीशियन ऑफ इंडिया की ओर से केजीएमयू कलाम सेंटर में शनिवार को वैज्ञानिक लेखन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला हुई। यह आयोजन केजीएमयू और राजकीय आयुर्वेद महविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। इसका उद्घाटन केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में वैज्ञानिक लेखन की बढ़ती आवश्यकता को देखते हुए इस तरह की कार्यशाला हमेशा होती रहनी चाहिए। उन्होने कहा कि चरक और सुश्रुत संहिता आदि वस्तुत: तत्कालीन वैज्ञानिक लेखन का उत्कृष्ट उदाहरण हैं और आधुनिक आयुर्वेद डॉक्टरों को ऐसे वैज्ञानिक लेखन को पुनर्जीवित करना चाहिए। छोटे लेखों से करें लेखन कार्यशाला के वैज्ञानिक सत्र में विशेष सचिव, उप्र शासन डॉ. अरिन्दम भट्टाचार्य ने कहा कि वैज्ञानिक लेखन को चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई का एक आवश्यक अंग होना चाहिए। कार्यशाला के आयोजक प्रो. संजीव रस्तोगी ने कहा कि वैज्ञानिक लेखन की शुरुआत छोटे लेखों और पत्रों से करना होगा। कार्यक्रम में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो. जेएस त्रिपाठी, प्रो. किशोर पटवर्धन, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली के प्रो. गालिब समेत देश भर से करीब 50 आयुर्वेद डॉक्टरों ने अपने विचार रखे।

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