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अयोध्या: नये ट्रस्ट को जमीन मिलने पर ही विहिप मंदिर मॉडल पर लेगा निर्णय

-मॉडल संरचना सुरक्षित रखते हुए विस्तार के लिए अलग-अलग कई प्रस्ताव

अयोध्या: नये ट्रस्ट को जमीन मिलने पर ही विहिप मंदिर मॉडल पर लेगा निर्णय
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊThu, 16 Jan 2020 07:30 PM
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राम मंदिर के मॉडल में बदलाव को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। विहिप के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार बदलाव के लिए कई प्रकार के प्रस्ताव हैं। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय नये ट्रस्ट के अस्तित्व में आकर जमीन प्राप्त होने के बाद ही हो सकेगा। उधर, विहिप की ओर से पूर्व प्रस्तावित मंदिर मॉडल की मूल संरचना में बिना छेड़छाड़ किए विस्तार दिए जाने पर मंथन किया जा रहा है।

प्रयागराज में चल रहे माघ मेला के शिविर में जिस मंदिर मॉडल का अनावरण कर उसकी प्रदर्शनी लगाई गयी है, वह पूर्व प्रस्तावित मंदिर मॉडल की ही अनुकृति है। जिसे सीतापुर के संगठन के कार्यकर्ताओं ने दो साल पहले बनाया था। इस क्षतिग्रस्त मॉडल को करीब 25 हजार की राशि खर्च कर इसकी मरम्मत कराकर नया स्वरूप दिया गया है। इसी के चलते इस बार प्रदर्शनी में लगाने पर इसका अनावरण विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय से कराया गया।

संगठन के अधिकृत सूत्रों का कहना है कि विहिप के कट्टर विरोधी जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की टिप्पणियों और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर झारखंड की चुनावी सभा में दिए गये बयान के बाद प्रस्तावित मंदिर माडल के विस्तार को लेकर गंभीरता से मंथन शुरू हुआ। इस मंथन के दौरान कई तरह के प्रस्ताव सामने आए हैं लेकिन बदलाव के इन प्रस्तावों को विचार के लिए स्वीकार करने के बाद भी निर्धारित परिवर्तन पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया। बताया गया कि प्रस्तावित माडल तीन दशक पहले की परिस्थिति को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था। नई परिस्थितियों में बदलाव की अपेक्षा स्वाभाविक है।

रंग मंडप को विस्तार देने पर विचार

मंदिर निर्माण के प्रस्तावित मॉडल में एक अतिरिक्त मंजिल के अलावा रंग मंडप को विस्तार देने का विचार है। जिससे रामलला की आरती का दर्शन अधिकतम श्रद्धालु एक साथ खड़े होकर कर सकें। इसके साथ ही प्रस्तावित 10 मीटर के परिक्रमा पथ को 50 मीटर अथवा इससे अधिक बढ़ाने का भी प्रस्ताव है, जिससे अधिकतम श्रद्धालु परिक्रमा में शामिल हो सकें। इस परिक्रमा पथ पर परकोटे के निर्माण के अलावा दीवारों पर रामायण के प्रसंगों के चित्रांकन का भी प्रस्ताव किया गया। प्रस्तावित मंदिर मॉडल के शिखर को दक्षिण भारत के मीनाक्षी मंदिर की तर्ज पर विशाल गोपुरम में बदलने का भी प्रस्ताव किया गया है। रामेश्वरम में 27 बीघे का आच्छादित परिसर है, उसी तरह का परिसर यहां भी प्रस्तावित किया गया है। विहिप नेतृत्व ने निर्णय लिया है कि केन्द्र सरकार की ओर से नये ट्रस्ट का गठन करने के उपरांत जमीन हस्तान्तरित करने तक कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। जमीन उपलब्ध होने के बाद मौके की स्थिति के अनुसार विशेषज्ञ वास्तुविद जिन परिवर्तनों को मंजूरी देंगे, उसी के अनुरूप बदलाव स्वीकार किया जाएगा। फिलहाल संगठन का यह आग्रह कायम रहेगा कि प्रस्तावित मॉडल की मूल संरचना बरकरार रहे और तराशे गये पत्थरों का मंदिर निर्माण में प्रयोग किया जाए।

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