अयोध्या : उद्धव ठाकरे के आयोजन के लिए अयोध्या में भूमि पूजन
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का आगमन 24 नवम्बर को अयोध्या में पहली बार होगा। उनके कार्यक्रम को सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण ढंग से संचालित करने के लिए शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद संजय...
प्रथम आगमन
लक्ष्मण किला में प्रस्तावित आर्शीवाद समारोह स्थल पर मुम्बई से आए नेताओं ने पूजन में लिया हिस्सा
शिवसेना प्रमुख 24 नवम्बर को यहां अपराह्न पहुंचेंगे, इस मौके पर संत-महंत उन्हें आशीष देंगे
फोटो फाइल नंबर 21 एफजेडपीसी 21- कैप्शन-बुधवार को लक्ष्मण किला में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के प्रस्तावित कार्यक्रम स्थल पर शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भूमि पूजन किया
अयोध्या। हिन्दुस्तान संवाद
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का आगमन 24 नवम्बर को अयोध्या में पहली बार होगा। उनके कार्यक्रम को सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण ढंग से संचालित करने के लिए शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद संजय राउत सहित दो अन्य सांसदों के अलावा महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अयोध्या में डेरा डाल दिया है। शिवसेना के नेता अपने शीर्ष नेतृत्व के भव्य स्वागत की तैयारियों में जुटे हैं। उधर भगवा रंग में रंगी बाइकों से आए शिवसैनिक रामनगरी की सड़कों पर शिवसेना की ध्वजा लहराते हुए माहौल बनाने में लगे हैं।
इसी सिलसिले में बुधवार को लक्ष्मण किला में उनके प्रस्तावित कार्यक्रम स्थल पर विधि-विधान से भूमि पूजन किया गया। लक्ष्मण किला के परिसर में स्थित मैदान में आयोजित आर्शीवाद समारोह स्थल पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राज्यसभा सदस्य श्री राउत के अतिरिक्त पार्टी के अन्य नेताओं ने पूजन किया। लक्ष्मण किलाधीश महंत मैथिली रमण शरण व मिथिला मणि मंडप के महंत अंजनी शरण की उपस्थिति में आचार्य संतोष वैदिक व अन्य ब्राह्मणों ने पूजन कराया। मालूम हो कि 24 नवम्बर को यहां पहुंच रहे श्री ठाकरे के लिए इसी स्थान पर आर्शीवाद समारोह का आयोजन किया गया है।
कार्यक्रम के व्यवस्थापक एवं ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष पंडित अमरनाथ मिश्र ने बताया कि इस समारोह में संत-महंतों की ओर से श्री ठाकरे को आशीर्वाद दिया जाएगा। इसके बाद वह सरयू तट पर मां सरयू की आरती में शामिल होंगे और देवी मां की आरती उतार कर अपनी श्रद्धा निवेदित करेंगे। उन्होंने कहा कि सनातन परम्परा में देवी सरयू को भगवान राम की बहन के रूप में स्वीकार किया गया है। वहीं सरयू ही अयोध्या की पौराणिक पहचान भी है। गोस्वामी तुलसीदास महाराज ने श्रीरामचरित मानस में लिखा कि ‘अवधपुरी मम पुरी सुहावनि, उत्तर दिसि बह सरयू पावनि। उन्होंने कहा कि इसीलिए भगवान राम के आशीर्वाद से पहले देवी सरयू और संतों का आशीर्वाद आवश्यक है।
उधर पूजनोपरांत शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य श्री राउत ने कहा कि श्री ठाकरे का आगमन 25 वर्षों से रामजन्मभूमि पर लम्बित मंदिर निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए है। उन्होंने कहा कि कलंकित ढांचे को ढहाकर शिवसेना ने अपना बड़ा योगदान छह दिसम्बर 92 को दिया था। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण में भी शिवसेना की सहभागिता रहेगी। उन्होंने कहा कि लेकिन इसके लिए शक्ति प्रदर्शन की जरुरत नहीं है बल्कि कानून बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब ट्रिपल तलाक और एसी-एसटी के लिए कानून बन सकता है तो फिर राम मंदिर के लिए देरी क्यूं हो रही है।
बाक्स
मुसलमान हिन्दुस्तान में सर्वाधिक सुरक्षित: राउत
अयोध्या। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या आगमन के कार्यक्रम के रचनाकार सांसद संजय राउत ने बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्हें भरोसा दिलाया कि अंसारी को डरने की जरूरत कतई नहीं है। उन्होंने कहा कि मुसलमान हिन्दुस्तान में सर्वाधिक सुरक्षित है।
उन्होंने कहा कि शिवसेना का मकसद है कि रामजन्मभूमि राजनीति का विषय नहीं होना चाहिए, इसलिए इसका जल्दी से जल्दी समाधान जरुरी है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आस्था का विषय है और आस्था के सवाल पर कोर्ट अपना निर्णय नहीं दे सकती है। इसलिए कानून बनाकर मंदिर का निर्माण हो।
बाक्स
गुलाबबाड़ी में आयोजन सिर्फ अफवाह
अयोध्या। शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सांसद संजय राउत ने बुधवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की ओर से पार्टी कार्यकर्ताओं से गुलाबबाड़ी में संवाद स्थापित करने के कार्यक्रम को अफवाह बताया।
उन्होंने प्रदेश प्रमुख अनिल सिंह की खबरों का खंडन करते हुए कहा कि श्री ठाकरे का पूरा कार्यक्रम मुम्बई से संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी ओर से अथवा पार्टी की ओर से किसी भी सभास्थल की अनुमति के लिए कोई आवेदन नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि श्री ठाकरे के कार्यक्रम को शांतिपूर्ण ढंग से संचालित करने के लिए जिला प्रशासन को पूरी जानकारी दी गई है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ की अनुमति किसी को नहीं मिलनी चाहिए। इसकी व्यवस्था यदि जिला प्रशासन की ओर से की जा रही है तो इसमें कोई हर्ज नहीं है। उन्होंने बताया कि श्री ठाकरे के साथ रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला का दर्शन करने के लिए सीमित लोग ही जाएंगे। इसके बाद कार्यकर्ता सामान्य रूप से दर्शन करेंगे।