ज्ञानेश्वर प्रसाद बने इंजीनियर्स एसोसिएशन के नए अध्यक्ष
इंजीनियर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के 24 वें अधिवेशन में इंजीनियरों ने उठायी अपनी...
इंजीनियर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के 24 वें अधिवेशन में इंजीनियरों ने उठायी अपनी समस्याएं
लखनऊ। इंजीनियर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के 24 वें अधिवेशन में शनिवार को नई कार्यकारिणी का चुनाव हुआ। इसमें करीब 20 वर्षों से लगातार संगठन के महासचिव की जिम्मेदारी निभाने वाले ज्ञानेश्वर प्रसाद को एसोसिएशन का नया अध्यक्ष चुना गया है। चुने जाने के बाद उन्होंने इंजीनियरों व परिषद के हितों के लिए हमेशा संघर्ष करने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि आवास विकास परिषद को मजबूत बनाने के रास्ते में जो भी अड़चनें आएंगी उनका मजबूती से सामना किया जाएगा। इंजीनियरों की हितों की हर हाल में रक्षा की जाएगी।
अधिवेशन में हुए चुनाव में अध्यक्ष के अलावा केसी श्रीवास्तव को उपाध्यक्ष, शशांक पांडेय को महासचिव, नागेंद्र कुमार को अतिरिक्त महासचिव, उमा नाथ शुक्ला को कोषाध्यक्ष, जगदीश कुमार वर्मा को भवन सचिव, अभिषेक राज को प्रचार सचिव तथा सुमित कुमार को संप्रेक्षक चुना गया। इसके अलावा प्रदीप कुमार वर्मा को परिवार कल्याण योजना का सचिव, धीरेंद्र चंद को कोषाध्यक्ष तथा दान बहादुर यादव को परिवार कल्याण योजना का संप्रेक्षक चुना गया है। जबकि यूसी सिंह सांस्कृतिक सचिव चुने गए हैं।
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संगठन ने उठायी मांगें
--आवास विकास परिषद को निर्माण कार्यों के लिए ए श्रेणी का दर्जा दिया जाए
--डिपॉजिट के काम भी आवास विकास को ज्यादा से ज्यादा दिए जाएं
--भूमि अर्जन के प्रस्ताव पर तत्काल कार्यवाही हो
--इंजीनियरों के कैडर रिव्यू किए जाएं
--परिषद के पास जमीन है नहीं है, ऐसे में दूसरी योजनाओं के लिए परिषद की जमीन मुफ्त न दी जाए
---परिषद को जमींदार बनाने के लिए जमीनें खरीदी जाएं
---इंजीनियरों के प्रमोशन कम से कम पांच साल में किए जाएं
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3000 करोड़ की एफडी, चिंता न करें
इंजीनियर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुनील चौधरी ने परिषद के इंजीनियरों और कर्मचारियों को बेफिक्र होकर मेहनत से काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अभी चिंता करने की जरूरत नहीं है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम चुप बैठ जाएं। हमें और अच्छा काम करना है। नई योजनाओं के लिए जमीन खरीदनी हैं। उन्होंने कहा कि परिषद कभी बंद नहीं होने वाली है। उन्होंने कहा कि परिषद के पास अभी 3000 करोड़ की एफडी है। इसके अलावा 12000 करोड़ की अनिस्तारित संपत्तियां हैं। जो देर-सबेर बिक जायेंगी।
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वृन्दावन में 50 व अवध विहार में 75 प्रतिशत जमीन खाली
इंजीनियर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व अधीक्षण अभियन्ता सुनील चौधरी ने कहा कि अभी परिषद की तमाम योजनाओं में काफी जमीन पड़ी है। उन्होंने कहा कि लखनऊ की वृंदावन योजना में अभी 50% भूमि का ही उपयोग हुआ है। बाकी की 50 प्रतिशत जमीन खाली है। इसी तरह अवध विहार योजना में अभी लगभग 25% जमीन का ही इस्तेमाल हुआ है। बाकी की 75% जमीन खाली है। उन्होंने कहा की भूमि अधिग्रहण की नई पॉलिसी से दिक्कतें पैदा हुई हैं। देर-सबेर केंद्र सरकार को इस पालिसी में परिवर्तन करना होगा।