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रामबाई स्थल की पार्किंग की जमीन बस अड्डे के लिए मांगी

--आवास विकास परिषद के वृन्दावन योजना में 33 एकड़ में बनायी गयी है रमाबाई रैली स्थल की पार्किंग, इसी में से बस अड्डे के लिए सात एकड़ जमीन मांग रहा है परिवहन विभाग लखनऊ। वृन्दावन योजना में बनी रमाबाई...

रामबाई स्थल की पार्किंग की जमीन बस अड्डे के लिए मांगी
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 07 Aug 2017 08:04 PM
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--आवास विकास परिषद के वृन्दावन योजना में 33 एकड़ में बनायी गयी है रमाबाई रैली स्थल की पार्किंग, इसी में से बस अड्डे के लिए सात एकड़ जमीन मांग रहा है परिवहन विभाग लखनऊ। वृन्दावन योजना में बनी रमाबाई रैली स्थल की पार्किंग की जमीन पर अब परिवहन विभाग की नजर लग गयी है। परिवहन विभाग ने मेंटीनेंस के आधार यह जमीन आवास विकास परिषद से मांगी है। परिवहन विभाग इस जमीन पर कानपुर रोड, रायबरेली रोड व सुल्तानपुर रोड के यात्रियों के लिए यहां बस अड्डा बनाना चाहता है। इस सम्बंध में उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक ने आवास आयुक्त को पत्र लिखा है। वर्ष 2010 में आवास विकास की वृन्दावन योजना स्थित भूमि पर तत्कालीन मायावती सरकार ने रमाबाई रैली स्थल के लिए पार्किंग बनवा दिया था। जबकि यह जमीन रमाबाई रैली स्थल से लगभग पांच किलोमीटर दूर है। मायावती सरकार ने जमीन पर पार्किंग तो बनवा दी लेकिन जमीन के बदले आवास विकास को एक रुपए भी नहीं दिया। परिषद की इस जमीन का भू-उपयोग इंस्टीट्यूशनल था और इसकी कीमत करीब 400 करोड़ रुपए है। निर्माण नहीं तोड़े जा सके मायावती सरकार में जमीन के चारों तरफ पत्थरों वाली बाउण्ड्री व कई गेट बना दिए गए थे। अन्दर भी फर्श में पत्थर लगा दिए गए थे। इसे बनाने पर करोड़ों रुपए सरकार का खर्च हुआ था। इसी वजह से सपा सरकार में आवास विकास इस जमीन पर कोई निर्णय नहीं ले पाया। हालांकि इस जमीन को बेचने की फाइल चलायी गयी थी। बोर्ड से निर्णय भी कराया गया लेकिन बिना निर्माण तोड़वाए कोई भी इस जमीन को खरीदने को तैयार नहीं था। परिषद असमंजस में पड़ी अब परिवहन विभाग की नजर भी इसी जमीन पर लग गयी है। विभाग इस जमीन पर बस अड्डा बनाने की तैयारी में है। इसीलिए उसने आवास विकास परिषद से यह जमीन मांगी है। डीएम के यहां भी इस जमीन को लेकर बैठक हुई थी। परिवहन विभाग ने यह जमीन मेंटीनेंस शुल्क के आधार पर परिषद से मांगी है। परिषद अभी इसको लेकर असमंजस की स्थिति में है क्योंकि उसकी यह जमीन काफी कीमती है। वह न यहां बनी पार्किंग को तोड़ पा रहा है और न ही जमीन को बेच पा रहा है। परिषद के एक अधिकारी ने बताया कि जल्दी ही जमीन के बारे में निर्णय होगा। -------------------------------

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