ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश लखनऊआतंक पर वार: टिफिन बम के जरिए गोरखपुर को दहला चुके हैं आतंकी

आतंक पर वार: टिफिन बम के जरिए गोरखपुर को दहला चुके हैं आतंकी

भारत-नेपाल खुली सीमा का भी आतंकी कर चुके हैं इस्तेमाल मुख्यमंत्री का शहर...

आतंक पर वार: टिफिन बम के जरिए गोरखपुर को दहला चुके हैं आतंकी
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 12 Jul 2021 08:10 PM
ऐप पर पढ़ें

भारत-नेपाल खुली सीमा का भी आतंकी कर चुके हैं इस्तेमाल

मुख्यमंत्री का शहर होने से अंदरखाने बढ़ाई गई सतर्कता

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता

गोरखपुर शहर भी आतंकियों के निशाने पर रहा है। आधिकारिक तौर पर तो यूपी एटीएस अभी गोरखपुर को लेकर कुछ नहीं बोल रही है लेकिन अंदर खाने यहां भी हाई अलर्ट है। लखनऊ में आतंकियों के पकड़े जाने के बाद गोरखपुर को भी अलर्ट किया गया है। सीएम सिटी होने के बाद एक ओर जहां सतर्कता बढ़ा दी गई है वहीं सुरक्षा चौक चौबंद करने वाले उपायों में तेजी भी आ गई है।

दरअसल, पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर एक महत्वपूर्ण शहर है और उसे ढाई सौ किलोमीटर की दूरी है ही कोई बड़ा शहर है। यही नहीं भारत-नेपाल की खुली सीमा का भी आंतकी इस्तेमाल करते हैं तो गोरखपुर के रास्ते ही वह देश के अन्य हिस्सों में जाते हैं। इस इलाके में दर्जनों आतंकी भी पकड़े जा चुके हैं। यहीं नहीं 2007 में गोरखपुर के गोलघर में टिफिन बम का सीरियल धमाका कर आतंकियों ने अपना मंसूबा उजागर कर दिया था। कम क्षमता वाले बम से किसी की जान तो नहीं गई थी पर कई लोग घायल हो गए थे। इस मामले में पकड़े गए आतंकियों की कुछ महीने पहले उम्र कैद की सजा भी हो चुकी है।

गोरखनाथ मंदिर और एयरपोर्ट के लिए मांगा ​बम निरोधी दस्ता

योगी आदित्यनाथ का निजी आवास व गुरु गोरक्षनाथ मंदिर सहित यहां के सिविल एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए अलग से डॉग स्क्वॉड व बम निरोधी दस्ता तैनात किया जाएगा। इसके लिए पुलिस की ओर से तैयारियां शुरू की जा चुकी। इस संबंध में प्रस्ताव गोरखपुर जोन के एडीजी अखिल कुमार ने शासन को भेज चुके हैं। गोरखपुर पुलिस के पास अभी एक डॉग स्क्वॉड व बम निरोधी दस्ता है। ऐसे में जिले में होने वाली आपराधिक वारदातों की छानबीन में उनका इस्तेमाल किया जाता। इसके साथ ही मंदिर व एयरपोर्ट की सुरक्षा में भी इन दोनों टीमों को तैनात किया जाता है। ऐसे में अब मंदिर व एयरपोर्ट के लिए अलग से डॉग स्क्वॉड व बम निरोधी दस्ता टीम तैनात हो, इसके लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही इन दोनों टीमों को तैयार कर मंदिर व एयरपोर्ट पर तैनात कर दिया जाएगा।

यूपी एटीएस की पुलिस ऑपरेशन टीम होगी तैनात

यूपी एटीएस अपने स्पेशल पुलिस ऑपरेशन टीम की एक यूनिट जल्द ही गोरखपुर में ही तैनात करने जा रही है। भारत-नेपाल सीमा करीब होने के साथ गोरखनाथ मंदिर, एयरपोर्ट, कुशीनगर आदि प्रमुख का संवेदनशील स्थलों को देखते इसमें गोरखपुर जिले में यह तैनाती की जा रही है। इस टीम में शामिल जवान एक साथ तीन हथियार चला सकते हैं। सभी को हाई टेक्निकल हथियारों से लैस किया जाएगा। स्पेशल पुलिस ऑपरेशन टीम में पुलिस और पीएसी के जवानों को शामिल ही किया गया है। 40 साल से कम उम्र के इन जवानों को अधुनिक और मनोवैज्ञानिक ट्रेनिंग देकर तैयार किया गया है। यह चेहरा देखकर मन की बात भांप सकते हैं। आधुनिकतम हथियारों को चलाने की भी ट्रेनिंग दी गयी है। गोरखपुर में अभी एटीएस की एक यूनिट है जिसमें एक इंस्पेक्टर और अन्य कांस्टेबल है लेकिन स्पेशल पुलिस ऑपरेशन पुलिस टीम की यूनिट मिलने से उन्हें भी जरूरत पर बड़े कार्रवाई में मदद मिलेगी।

किराएदारों के सत्यापन पर जोर लेकिन है सुस्ती

आतंकी घटना रोकने के लिए किरायदारों के सत्यापन पर एडीजी अखिल कुमार का काफी जोर है लेकिन जमीनी स्तर पर पुलिस की तरफ से इसमें कोई खास रूचि नहीं दिखती है। एडीजी ने लोगों से भी अपील किया है कि वह अपने यहां रहने वाले किरायदारों का सत्यापन जरूर कराएं। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो किसी घटना के बाद वह इसके लिए जिम्मेदार माने जाएंगे।

घुसपैठ का सबसे आसान रास्ता है भारत-नेपाल सीमा

हाल के वर्षों में चार बड़े आतंकी विभिन्न राज्यों से लगी नेपाल सीमा से पकड़े गए। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि आतंकी घुसपैठ का सबसे आसान रास्ता भारत-नेपाल सीमा है। आतंकवाद को संरक्षण देने वाले पाकिस्तान के लिए भारत-नेपाल सीमा सबसे मुफीद साबित हो रही है।

सोनौली सीमा से पकड़े गए प्रमुख आतंकी

1991 मे खालिस्तान एरिया फोर्स का डिप्टी कमांडर सुखबीर सिंह

1991 में ही नेपाल की बढ़नी सीमा पर खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के भागा सिंह और अजमेर सिंह की गिरफ्तारी हुई थी

1993 में आतंकी टाइगर मेमन

1995 में आईएसआई एजेंट यासिया बेगम

2000 में आसिम अली और चार आतंकी

2002 में परसामलिक थाने के पास कारतूसों का जखीरा पकड़ा गया था जो कि बिहार के एमसीसी उग्रवादियों ने नेपाल के माओवादियों के लिए भेजा था

2007 में लश्कर के आतंकी सादात रशीद मसूद आलम की गिरफ्तारी

2009 में मुंबई के आतंकी नूरबक्श और इश्तियाक उर्फ शैतान की गिरफ्तारी

2013 में आतंकी लियाकत अली शाह की गिरफ्तारी

2013 में आतंकी हमलों में 140 लोगों की हत्या के आरोपी और मोस्ट वॉन्टेड आंतकवादी यासीन भटकल की गिरफ्तारी

अब्दुल करीम टुंडा को भी उत्तराखंड में नेपाल की खुली सीमा पर ही गिरफ्तार किया गया था

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें