अटल जी को दी श्रद्धांजलि बंद रही 8 सौ से अधिक गोश्त की दुकानें
शहर भर की 8 सौ से अधिक मीट की दुकानें रही बंद
शहर भर की 8 सौ से अधिक मीट की दुकानें रही बंदअटल के लिए कुरैश समाज ने की टूड़ियागंज पर शोक सभालखनऊ। कार्यालय संवाददातादेश के महानायक अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए शुक्रवार को पूरे लखनऊ की आठ सौ से अधिक मीट की दुकानें बंद रही। बिल्लौचपुरा के टूड़ियागंज चौराहे पर कुरैश वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से शोक सभा का आयोजन भी किया गया। वहीं, दुकानदारों ने शुक्रवार को कमेले ‘जानवरों की कुर्बानी भी नहीं की। कुरैश वेलफेयर फाउंडेशन के महामंत्री शहाबुद्दीन कुरैशी ने कहा कि अटल जी लखनऊ के दिल में बसते थे। उनको श्रद्धांजलि देने के लिए टूड़ियागंज पर एक शोक सभा का आयोजन किया गया था। इसमें मौलाना मुश्ताक, व्यापारी नेता अमरनाथ मिश्र, पार्षद साकेत शर्मा, वसीम सिद्दीकी एडवोकेट समेत कई लोगों ने अपने विचार रखें। उन्होंने बताया कि गुरुवार को गोश्त व्यापारियों के साथ एक बैठक हुई थी। उसमें व्यापारियों ने स्वयं शुक्रवार को मुर्गा व बकरे की गोश्त की दुकानें व कमेला बंद रखने की बात कहीं थी। इसके बाद पुराने लखनऊ की चौक मंडी, कसाईबाड़ा, बिल्लौचपुरा, अकबरीगेट व हुसैनाबाद में मीट की दुकानें बंद रही। व्यापारियों का कहना था कि अटल जी लखनऊवासियों के लिए सरपरस्त थे। इसलिए शुक्रवार को गोश्त दुकानें बंद रखी जाएंगी। 1993 में अटली जी ने दिए थे 2 करोड़ पुराने लखनऊ के लोग अटली जी से ऐसे ही मुहब्बत नहीं करते थे। शहाबुद्दीन कुरैशी बताते हैं कि मुझे याद है कि 1993 में जब अटल जी चुनाव जीते थे तो बिल्लौचपुरा व आस-पास के लोग उनसे मिलने गए थे। उस समय बिल्लौचपुरा रोड के वाटर वर्क्स रोड पर बड़े-बड़े गड्डे थे। इलाके में सीवर व बिजली की समस्या थी। अटल जी ने इसके लिए दो करोड़ रुपए पास किए थे। इससे इलाके की सारी सड़के बनाई गई, सीवर डाले गए और यहियागंज पार्क के पास पावर हाउस का निर्माण हुआ। जब भी हम लोगों को कोई परेशानी होती थी तो उनसे मिलने जाते थे और वह खुशी-खुशी हमारी समस्याएं दूर करते थे।