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ज्योतिष और साधना से बांट रहे लोगों में खुशियां  

नि:स्वार्थ भाव, दूसरों के दर्द को अपना समझना और ज्योतिष ज्ञान व साधना के जरिए दर्द का मरहम खोजने की कोशिश का नाम है प्रकाश मोहन भटनागर। बिना किसी प्रचार-प्रसार, हर धर्म के लोगों को उनकी समस्याओं का...

ज्योतिष और साधना से बांट रहे लोगों में खुशियां  
वरिष्ठ संवाददाता ,लखनऊ। Thu, 20 Jun 2019 12:05 PM
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नि:स्वार्थ भाव, दूसरों के दर्द को अपना समझना और ज्योतिष ज्ञान व साधना के जरिए दर्द का मरहम खोजने की कोशिश का नाम है प्रकाश मोहन भटनागर। बिना किसी प्रचार-प्रसार, हर धर्म के लोगों को उनकी समस्याओं का समाधान सुझाने वाले प्रकाश खुद गुमनामी में ही रहते हैं।

बात हो रही है एलडीए कालोनी कानुपर रोड में सेक्टर डी में एमडी-15 में निवास करने वाले 76 वर्षीय प्रकाश मोहन भटनागर की। जिन्होंने लाल लंगोटे वाले (हनुमान जी) की साधना से सिद्धि प्राप्त की है और निरंतर जीवन की विभिन्न समस्याओं से परेशान लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं। आज के भौतिकवादी युग में जहां लोग कुण्डली, हाथ की रेखाओं को देखकर, अंक ज्योतिष के माध्यम से ऊंची फीस लिए बिना समस्याओं का समाधान नहीं करते।

वहीं प्रकाश मोहन भटनागर इस उम्र में भी निस्वार्थ भाव से निशुल्क रूप से ईश्वर की साधना से लोगों की परेशानी दूर करने में लगे हैं। वे केवल लोगों से उनकी जन्मतिथि, पिता-माता का नाम पूछकर ही उनकी समस्या का समधान अपनी साधना से कर रहे हैं। किसी की लड़की की शादी नहीं हो रही है तो शादी होने के बाद कोई परेशान है। परिवार, नौकरी, बीमारी से राहत, रोजगार मिलने में आ रही दिक्कतों को लेकर लोग इनके पास आते रहते हैं। उनका मानना है कि साधना में पैसों का पुट नहीं होना चाहिये नहीं तो साधना खण्डित हो जाती है। वे अपनी साधना के माध्यम से सेकण्ड के भी सौवें भाग को गणना करके तब समाधान निकालते हैं। 

लालच, अभिमान और वासना उनसे कोसों दूर
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया मुख्य शाखा से सेवानिवृत्त हुए प्रकाश मोहन भटनागर का कहना है कि लालच, अभिमान और वासना किसी भी व्यक्ति के बड़े दुश्मन हैं। इसको अपनाने से जीवन भर की साधना खण्डित हो जाती है। वे खुद भी कार्य पूर्ण होने पर लोगों की ओर से दी जाने वाली किसी भी सेवा को नहीं लेते हैं। बताते हैं कि राजस्थान भीलवाड़ा के स्व. दीना नाथ शर्मा और कानपुर के डीपी खरे की कृपा से ही उनको इस साधना की सिद्धि मिली है। 

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