सुलतानपुर के सरकारी अस्पतालों में एंटीरैबीज वैक्सीन का टोटा
जिले में एंटीरैबीज वैक्सीन के लिए हाहाकार मचा हुआ है। सीएचसी से लेकर जिला अस्पताल तक प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीज घर लौट रहे हैं। इससे जरूरत मंदों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कुछ मरीजों के तीमारदार...
जिले में एंटीरैबीज वैक्सीन के लिए हाहाकार मचा हुआ है। सीएचसी से लेकर जिला अस्पताल तक प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीज घर लौट रहे हैं। इससे जरूरत मंदों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कुछ मरीजों के तीमारदार चंदा जुटाकर बाहर मेडिकल स्टोर्स से खरीदकर वैक्सीन लगवाने को मजबूर हैं। मेडिकल स्टोर्स संचालकों की बल्ले-बल्ले हो गई है।
सीएचसी पर वैक्सीन लगाने के लिए निर्धारित है दिन:
जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 13 स्वास्थ्य केन्द्र जीवन रक्षा के लिए स्थापित किए गए हैं। प्रत्येक सीएचसी पर निर्धारित दिन पर सौ की संख्या में कुत्ता काटने के मरीज आते हैं। मगर दो महीने से एंटीरैबीज खत्म होने के कारण उन्हें घर वापस लौटना पड़ रहा है। कुछ मरीजों के तीमारदार अपने मरीज की जीवन रक्षा को लेकर चार लोगों को एकत्र कर 75 रुपए के हिसाब से चंदा जुटाकर 300 रुपए की वैक्सीन खरीदकर स्वास्थ्य केन्द्रों पर ही लगवा रहे हैं।
मुफ्त में इंजेक्शन लगवाने की आस में स्वास्थ्य केन्द्रों पर आए जरूरत मंदों को पैसे के अभाव में घर लौटना पड़ रहा है। 10 से 15 फीसदी लोग चंदा जुटाकर वैक्सीन लगवा ले रहे हैं, 80 फीसदी लोगों को घर वापस लौटना पड़ रहा है।