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अमेठी : खतरे का निशान पार करने को बेताब दिख रही गोमती 

अमेठी जिले से होकर गुजरने वाली एकमात्र गोमती नदी मुसाफिरखाना तहसील क्षेत्र से होकर बहती है। इन दिनों लगातार हो रही बारिश के कारण गोमती के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है जिसके कारण गोमती अपने आगोश...

अमेठी : खतरे का निशान पार करने को बेताब दिख रही गोमती 
हिन्दुस्तान टीम,अमेठी।Fri, 03 Aug 2018 02:56 PM
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अमेठी जिले से होकर गुजरने वाली एकमात्र गोमती नदी मुसाफिरखाना तहसील क्षेत्र से होकर बहती है। इन दिनों लगातार हो रही बारिश के कारण गोमती के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है जिसके कारण गोमती अपने आगोश से बाहर निकलने को बेताब दिखाई पड़ रही है। अगर ऐसा होता है तो तहसील क्षेत्र के 42 गांव आंशिक या पूर्ण रूप से बाढ़ से प्रभावित हो जायेंगे।
क्षेत्र में बीते कई दिनों से हो रही लगातार बारिश का असर गोमती के जल स्तर पर दिखाई पड़ने लगा है। तटबंधों के कटान से प्रभावित होने के कारण नदी का पानी तटबंधों को पार कर तराई क्षेत्रों को अपनी आगोश में समेटने लगा है। आमघाट और निजामुद्दीनपुर गांव में लगे बेंच मार्क के खतरे के निशान को नदी का पानी छूने लगा है। नदी में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए प्रशासन ने आपदा प्रबंधन की तैयारियां तेज कर दी है। अगर बाढ़ की स्थिति बनती है तो तहसील क्षेत्र के 42 गांवों का प्रभावित होना तय है।

बाढ़ से प्रभावित होंगे ये गांव-
बाढ़ से पूर्णतया प्रभावित होने वाले गांवों में मटियारी कला और चकजंगली ऐसे गांव हैं जिनकी आबादी और खेत खलियान पूरी तरह से बाढ़ में डूब जाते हैं।इसी प्रकार गोमती नदी के ऊफान से आने वाली बाढ़ से खेममऊ, पाली, शाहपुरसमसुलहक, नांदी, थौरी, नसीराबाद, मऊअतवारा, गाजनपुर दुवरिया, चंदीपुर, रसूलाबाद, उरेरमऊ, किशनी, मखदूमपुरकला, मोहिउद्दीनपुर, पिछूती, कंचनांव, नाराअढ़नपुर, भद्दौर, मुहीउद्दीनपुर, निजामुद्दीनपुर और जाखा शिवपुर की आबादी और खेती आंशिक रूप से प्रभावित होती है। तहसील क्षेत्र के 19 ऐसे भी गांव हैं जिनकी आबादी तो बाढ़ से प्रभावित नहीं होती लेकिन उनकी खेती बाढ़ के आगोश में समा जाती है इनमें मांझगांव, टेवसी, मड़वा, छज्जूपुर, कोछित, रंजीतपुर, दादरा, कोड़री, औरंगाबाद, पिपरी अमीरगिरी, संसारपुर, शेखपुर भंडरा, तराई, कोटवा, कैलाशपुर, कोदैली, पूरे चितई, पूरे जरई और पूरे परवानी के नाम शामिल  हैं।  

सक्रिय कर दी गयी हैं बाढ़ चौकियां: एसडीएम

एसडीएम देवी दयाल वर्मा ने आपदा प्रबंधन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बाढ़ की आशंका को देखते हुए गाजनपुर दुवारिया, मांझगांव, रीछघाट, पाली, शाहपुर किशनी, सत्थिन, पिछूती, थौरी, कोछित, नारा अढ़नपुर, चंदीपुर, भददौर, निजामुद्दीनपुर और रसूलाबाद में स्थापित की गयी बाढ़ चौकियों को सक्रीय कर दिया गया है। इन चौकियों पर लेखपाल, ग्राम पंचायत अधिकारी और चौकीदार की ड्यूटी लगा दी गयी है। इसके अलावा निजामुद्दीन पुर, मुसाफिरखाना तहसील परिसर और गाजनपुर में बाढ़ शरणालय स्थापित किए गए हैं। नाव और गोताखोरों को भी सूची बद्ध किया गया है। प्रशासन हर स्थिति से निपटने को तैयार है।

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