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योगी के बाद मोदी भी आयेंगे अपने ‘नाना के आंगन!

भेजा जाएगा आमंत्रण राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख को प्रेरणास्रोत मानते हैं प्रधानमंत्री नानाजी के स्वावलम्बन से बहुत कुछ है मोदी ने सीखा गोण्डा। कमर अब्बास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद अब...

योगी के बाद मोदी भी आयेंगे अपने ‘नाना के आंगन!
Center,LucknowTue, 30 May 2017 07:10 PM
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भेजा जाएगा आमंत्रण राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख को प्रेरणास्रोत मानते हैं प्रधानमंत्री नानाजी के स्वावलम्बन से बहुत कुछ है मोदी ने सीखा गोण्डा। कमर अब्बास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने ‘नाना के आंगन में आएंगे। प्रधानमंत्री को इसके लिए नाना के घर से न्यौता भेजने की तैयारी शुरू हो गई है। दीनदयाल शोध संस्थान के संस्थापक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पुरोधा राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख से प्रधानमंत्री का गहरा रिश्ता भी रहा है। रविवार को नाना जी द्वारा स्थापित बलरामपुर के इमलिया कोडर में एक कार्यक्रम से मुख्यमंत्री के लौटने के बाद प्रधानमंत्री को बुलाने की तैयारी शुरू हो गई है। दीनदयाल शोध संस्थान के सचिव राम कृष्ण तिवारी ने ‘हिन्दुस्तान को बताया कि प्रधानमंत्री को संस्थान के जयप्रभाग्राम में आमंत्रित करने के लिए संगठन सचिव अभय महाजन से अनुरोध किया गया है। श्री महाजन संघ और प्रधानमंत्री के बेहद करीबियों भी माने जाते हैं। प्रधानमंत्री को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी और नाना जी देशमुख जन्म शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में आमंत्रित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। श्री तिवारी ने बताया कि नाना जी के जन्म शताब्दी वर्ष का समापन 11 अक्टूबर को हो रहा है जबकि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म शताब्दी वर्ष का समापन 25 सितम्बर को होगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 11 अक्टूबर को आमंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। इस मौके पर गोंडा के जयप्रभा ग्राम में स्थापित संस्थान में जहां नाना जी देशमुख की कुटी है वहां भव्य समारोह के आयोजन की तैयारी की जा रही है। मोदी की तुलसी उगी है नाना के आंगन में : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाना जी देशमुख के व्यक्तित्व और कृतित्व से बेहद प्रभावित रहे हैं। उनकी एक पुस्तक का विमोचन भी नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने किया था। इस मौके पर संस्थान की प्रशंसा करते हुए तुलसी की खेती की सलाह दी थी। श्री मोदी की सलाह के बाद ही संस्थान के प्रांगण में दो एकड़ में तुलसी की खेती के साथ औषधियों की खेती भी की जा रही है। सचिव श्री तिवारी के मुताबिक नाना जी देशमुख के जीवनकाल में श्री मोदी उनसे बहुत कुछ सीखते भी थे। नाना जी भी उन्हें बेहद स्नेह करते थे। संघ से नानाजी का जुड़ाव देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी प्रधानमंत्री को नानाजी की इस कर्मस्थली पर लाने के लिए अहम भूमिका निभा सकता है।

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