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अवध की धरोहर में दिखे कथक के रंग

- राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में हुआ आयोजन

अवध की धरोहर में दिखे कथक के रंग
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSat, 08 Dec 2018 08:02 PM
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- अल्पिका संस्था की ओर से दो दिवसीय अंदाज ए बयां कथक समारोह - राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में हुआ आयोजन लखनऊ। निज संवाददाता कथक के विभिन्न रंगों को कलाकारों ने अपने अंदाज से मंच पर उतारा तो हर पारंपरिक कथक के रंगों में सराबोर हो गया। शनिवार को अल्पिका संस्था की ओर से दो दिवसीय कथक समारोह अंदाज ए बयां का आगाज राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में किया गया। पहले दिन अवध की धरोहर कथक शीर्षक कार्यक्रम में कथक कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियां दीं। मुंबई की गुरु पद्मा शर्मा व तारिणी त्रिपाठी, गुरु रेणु शर्मा व सुनील सिंकारा ने अपनी प्रस्तुतियों से लोगों को कथक के कई रंगों से रूबरू करवाया। होली अब न खेलू रोज समारोह के पहले दिन अल्पिका संस्था के कलाकारों ने चतुरंग शीर्षक प्रस्तुति दी। वरिष्ठ कथक नृत्यांगना रेणु शर्मा की परिकल्पना व निर्देशन में नवाब रजा अली खां की बंदिश आओ सुनाए चतुराई से चतुरंग…पर प्रस्तुति दी। इसके बाद सावन शीर्षक प्रस्तुति में संग नहीं प्रीतम सावन आयो… पर कथक की प्रस्तुति ने सबको सराबोर कर दिया। वहीं इसके बाद रेनू शर्मा और सुनील सिंकारा ने होली अब ना खेलूं रोज होरी सईयां…बंदिश भावपूर्ण प्रस्तुतियों से खूब वाहवाही लूटी। वहीं होली गीत को नृत्यांगनाओं ने सूफी रंग में पेश कर माहौल को सूफियाना कर दिया। इसके बाद अवध की धरोहर कथक शीषर्क प्रस्तुति में कथक गुरू पद्मा शर्मा और तारिणी त्रिपाठी ने नृत्य से प्रभावित किया। तो त्रिगुणम त्रयाकारम शीर्षक त्रिदेव पर केंद्रित प्रस्तुति में कथक कलाकार सुनील सिंकारा ने भगवान शिव के रूपों को पेश कर पूरा माहौल भक्तिमय कर दिया। संगत में तबले पर रोहित देव, सितार पर अलका गूजर और गायन में कमलाकांत ने शानदार संगत की।

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