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नाटक में दिखा स्वामी विवेकानंद का व्यक्तित्व व कृतित्व

नाटक में दिखा स्वामी विवेकानंद का व्यक्तित्व व कृतित्व

नाटक में दिखा स्वामी विवेकानंद का व्यक्तित्व व कृतित्व
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 23 Nov 2018 08:03 PM
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- संगीत नाटक अकादमी की अवध संध्या के तहत हुआ नाटक प्रकाश पुंज का मंचन लखनऊ। निज संवाददाता स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व और कृतित्व को संगीत और अभिनय संग मंच पर कलाकारों ने पेश किया। उनके जीवन के विभिन्न पहलूओं को कलाकारों ने अपने अभिनय के माध्यम से दर्शकों को रूबरू करवाया। शुक्रवार को संगीत नाटक अकादमी की अवध संध्या श्रृंखला के तहत स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित संगीतमय नाटक प्रकाश पुंज की प्रस्तुति हुई। संगीत रूपक नाटक की पटकथा संजय रहबर ने तैयार की, जबकि परिकल्पना संयोजन एवं गायन देवेश चतुर्वेदी का रहा वहीं निर्देशन गोपाल सिन्हा ने किया।गायक देवेश चतुर्वेदी की आवाज में गीतों संग कलाकारों ने उनके जिंदगी के अलग अलग रंगों को पेश किया। प्रकाश पुंज में स्वामी विवेकानन्द के व्यक्तित्व व कृतित्व को संगीत और नाटक के के जरिये पेश किया गया। विवेकानन्द का स्वामी रामकृष्ण परमहंस से प्रथम मिलन, गुरू से ज्ञान की प्राप्ति, नास्तिकता से आस्तिकता की धारा में प्रवेश, ज्ञान का भारत वर्ष में प्रचार प्रसार और शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन के मंच पर भारत की कीर्ति पताका को लहराकर भारत को प्रतिष्ठित करने जैसे दृश्यों ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। वहीं गायक देवेश चतुर्वेदी ने ईश्वर प्राप्ति की खोज में लगे स्वामी जी को मोको कहां ढूंढे रे बंदे तथा गुरू से प्रथम मिलन के दृश्य में मन चलो निज निकेतन को बांग्ला को सुनाया। इस दौरान श्वेत वस्त्र त्यागकर भगवा वस्त्र धारण करने पर आराधना हे विवेकानंद स्वामी, सकल जग के महाराज तथा अन्त में एक दीप जला उजियारे का हुआ दूर पहर अंधियारे का जैसे गीत से समापन हुआ। संगत कलाकारों में सौरभ सिंह, सुमित कुमार, अतुल श्रीवास्तव और राज विभूति ने साथ दिया तो वहीं मंच पर संजय शुक्ला, महेश गुप्ता, केएस उपाध्याय, निशांत कुमार और तरुण श्रीवास्तव ने अभिनय किया।

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