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Hindi News उत्तर प्रदेश लखनऊ·ऐसे अमर शहीदों की कुर्बानी हमको जीनी है...

·ऐसे अमर शहीदों की कुर्बानी हमको जीनी है...

-कला रूपन शिक्षा की ओर से कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह का हुआ आयोजन

·ऐसे अमर शहीदों की कुर्बानी हमको जीनी है...
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊWed, 30 May 2018 08:08 PM
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-कला रूपन शिक्षा की ओर से कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह का हुआ आयोजन

लखनऊ। निज संवाददाता।

·ऐसे अमर शहीदों की कुर्बानी हमको जीनी है, ये मिली मिली क्या होता है? आजादी हमने छीनी है विशाल अग्रवाल की रचना से पूरे वातावरण में देशभक्ति का संचार हो गया जिसे सुन श्रोताओं ने जोरदार तालियों से उनकी सराहना की। मौका था कला रूपन शिक्षा संस्था की ओर से कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन बुधवार को राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में किया गया। इस अवसर पर कवियों ने करूण रस,वीर रस, शृंगार रस की रचनाओं को पढ़ श्रोताओं की वाहवाही बटोरी।

-हर एक शख्स से अनबन है...

हर एक शख्स से अनबन है क्या किया जाए, हमारे हाथ में दर्पण है क्या किया जाए कवि सम्मेलन में आए कवि अरविंद असर ने जब दन पंक्तियों को सबके सामने पढ़ा तो पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा। इसके बाद प्रशांत यादव ने लगेगी चोट तो ये तड़पना सिख जाएंगे, अभी नादान हैं बादल बरसना सिख जाएंगे। वहीं मुन्तहा फातिमा ने कभी तुम मुझ से मिलो तो सुनाऊं ये दास्तां, नहीं है कोई जहां में तुम सा मेहरबां,योगेशपांडे ने वो जिस हाथ्ज्ञमेले में भी उसने नहीं छोड़ा, वही संतान अब उसको सड़क पर छोड़ जाती है सुना कर तालियां बटोरी। इसके अलावा राम राय राना, मनीष सोनी, अमीर फैसल ने अपनी रचनाओं से लोगों की वाहवाही लूटी। इस अवसर पर अलग-अलग कवियों का सम्मान किया गया।

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