खेत ही किसान की पाठशाला
किसान के लिए खेत ही उसकी पाठशाला होती है। वर्तमान सरकार ने प्रदेश की क्षेत्रीय विशेषताओं को ध्यान मे रखकर किसान के हितभागी कई योजनाएं प्रारम्भ की...
इटौंजा। हिन्दुस्तान संवाद
किसान के लिए खेत ही उसकी सबसे बड़ी पाठशाला है। इसी के साथ अगर वैज्ञानिक शोधों की जानकारी किसानों को और मिल जाए तो यह सोने पर सुहागा होगा। यह बातें किसानों को जागरुक करने के लिए किसान पाठशाला में प्रदेश के राज्यमंत्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह ने कही।
गुरुवार को गुलालपुर के प्राथमिक विद्यालय में किसान पाठशाला का आयोजन किया गया। सरकार के राज्यमंत्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह (धुन्नी सिंह) ने कहा कि किसानों को जागरुक करने और उन्हें अच्छी विधाओं की जानकारी देने की जरूरत है। खेत किसानों के लिए उसकी सबसे बड़ी पाठशाला है। ऐसे में सरकार उनके पास पहुंचकर किसान पाठशाला का आयोजन कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश की क्षेत्रीय विशेषताओं को ध्यान में रखकर किसान के हितभागी योजनाओं की शुरुआत की है। किसान पाठशालाओं में किसान उद्यमशीलता कृषि विविधीकरण, जैविक खेती, उन्नत बीज, उवर्रकों और पेस्टिसाइड आदि के प्रयोग के लिए किसानों को जागरुक करना है। जिससे प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ ही लागत में कमी हो तथा किसान अपने व्यवसायिक उत्पादों को लेकर अन्य उद्यमियों की तरह बाजार में ले जा सके। इसके साथ ही वह उनके साथ प्रतिस्पर्धा भी कर सके। गुलालपुर में 5 दिसंबर से चल रही जहां किसान पाठशाला में उपस्थित किसानों को प्रौद्योगिक सहायक कृषि विभाग अभिषेक कुमार मौर्य द्वारा नई तकनीकी से खेती करने के गुर किसानों को सिखाये जा रहे है।