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पीजीआई में बाबा दिला रहा घेंघा से निजात

पीजीआई में घेंघा रोग से पीड़ित चार मरीजों की हुई कॉस्मेटिक सर्जरी लखनऊ निज संवाददाता पीजीआई में बुधवार को पहली बार घेंघा रोग (थायराइड ग्रंथि का बढ़ना) से पीड़ित लखनऊ की सावित्री सिंह (50) की...

पीजीआई में बाबा दिला रहा घेंघा से निजात
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊWed, 06 Sep 2017 08:10 PM
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पीजीआई में घेंघा रोग से पीड़ित चार मरीजों की हुई कॉस्मेटिक सर्जरी लखनऊ निज संवाददाता पीजीआई में बुधवार को पहली बार घेंघा रोग (थायराइड ग्रंथि का बढ़ना) से पीड़ित लखनऊ की सावित्री सिंह (50) की इण्डोस्कोपिक ट्रांस ओरल थायराइड सर्जरी की गई। मरीज के गले में बड़ी गांठ थी। जिसकी सर्जरी मुंह के रास्ते से नली डालकर की गई। गांठ का हिस्सा नली के जरिए बाहर निकाल लिया गया। इसके लिए न तो गले के पास कोई चीरा लगाया गया न ही टांका। गले में कोई निशान भी नहीं है। अब मरीज का गला सामान्य लोगों की तरह हो गया है। इस सर्जरी का लाइव प्रसारण लखनऊ, कटक, सीएमसी बिल्लौर, कोच्चीन के अलावा विदेशों में भी किया गया। यह सर्जरी कोरिया के रोबोट सर्जन डॉ. जिन वुक यी ने की है। इसके अलावा लखनऊ के राम धीरज (55) का भी इसी तकनीक से ऑपरेशन कर घेंघा से निजात दिलाई। अब तक कर चुके 100 ऑपरेशन अब तक करीब 100 सर्जरी कर चुके पीजीआई के इंडो क्राइन सर्जरी विभाग के डॉ. ज्ञान चंद ने घेंघा रोग से पीड़ित गोरखपुर निवासी ताहा (24) की इंडोस्कोपिक ‘बाबा थयराइड सर्जरी की। कांख के रास्ते से नली डालकर गांठ को बाहर निकाला गया। अब ताहा सामान्य युवतियों की तरह ही दिखती है। ताहा दो वर्ष से घेंघा रोग से पीड़ित थी। कई जगह इलाज कराया। ठीक न होने पर वो पीजीआई आयी। जहां उसकी सफल सर्जरी की गई। इसके अलावा गोरखपुर के उमेश की सर्जरी की गई। डॉ. चंद बताते हैं कि गले में बड़ी गांठ होने पर मुंह के रास्ते से सर्जरी संभव नहीं होती है। ऐसी स्थिति में यह सर्जरी कांख के रास्ते से ही की जाती है। चार मरीजों के ऑपरेशन पीजीआई के टेली मेडिसिन में बुधवार को आयोजित कास्मेटिक सर्जरी वर्कशाप के तहत चार सर्जरी की गईं। कोरिया के डॉ. जिन वुक यी ने दो और पीजीआई के इंडो क्राइन सर्जरी विभाग के डॉ. ज्ञान चंद ने दो सर्जरी की। इस मौके पर वर्कशाप के आयोजक इंडो क्राइन सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. एसके मिश्रा के अलावा पीजीआई निदेशक डॉ. राकेश कपूर, सीएमएस डॉ. अमित अग्रवाल समेत कई डॉक्टर मौजूद थे। घेंघा रोग को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां लोगों में घेंघा रोग को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां है। अक्सर देखा जाता है कि गले में बड़ी सी गांठ होने पर खासकर युवतियों को खासा दिक्कतें होती हैं। लोग ऐसी युवतियों से शादी करने में आनाकानी करते हैं। डॉ. ज्ञान चंद बताते हैं कि इसका सही समय पर इलाज हो जाए तो कोई दिक्कत नहीं होती है। इंडोस्कोपिक बाबा थयराइड सर्जरी और इण्डोस्कोपिक ट्रांस ओरल थायराइड सर्जरी के जरिए इसका इलाज सौ फीसदी कारगर है। 10 फीसदी में लोगों में घेंघा रोग होता है डॉ. ज्ञान चंद बताते हैं कि अमूमन 10 फीसदी लोगों में घेंघा रोग (थायराइड ग्रंथि का बढ़ना) पाया जाता है। इनमें से पांच फीसदी ही लोग अस्पताल पहुंचते हैं। 0.1 फीसदी में कैंसर होने की संभावना रहती है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है। घेंघा रोग पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा होता है। खासकर अविवाहित युवतियों में दिक्कत ज्यादा होती है।

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