Hindi NewsUP Newslifts became death traps at two places in this up city on the same day killing two people
यूपी के इस शहर में एक ही दिन दो जगह काल बन गईं लिफ्टें, फंस गई गर्दन; दो की जान गई

यूपी के इस शहर में एक ही दिन दो जगह काल बन गईं लिफ्टें, फंस गई गर्दन; दो की जान गई

संक्षेप: दोनों ही मामलों में मजदूरों की गर्दन लिफ्ट में फंस गई थी। नौबस्ता में तीन घंटे तो रनियां में चार घंटे मजदूरों की गर्दन फंसी रही। तड़पकर दोनों जान निकल गई। कड़ी मशक्कत के बाद दोनों मजदूरों के शव निकाले जा सके। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम हाउस भेजा है। दोनों घटनाओं की जांच जारी है।

Wed, 8 Oct 2025 12:13 PMAjay Singh संवाददाता, कानपुर (दक्षिण)
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यूपी के कानपुर के नौबस्ता और रनियां में मंगलवार को दो दर्दनाक हादसे हुए। इनमें दो मजदूरों की जान चली गई। दरअसल दोनों ही मामलों में मजदूरों की गर्दन लिफ्ट में फंस गई थी। नौबस्ता में तीन घंटे तो रनियां में चार घंटे दोनों मजदूरों की गर्दन फंसी रही और तड़पकर उनकी जान निकल गई। कड़ी मशक्कत के बाद दोनों मजदूरों के शव निकाले जा सके। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम हाउस भेजा है। लिफ्ट की तकनीकी जांच कराई जाएगी। पुलिस तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज करने की बात कह रही है।

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हंसपुरम इलाके में मंगलवार शाम अंडर गार्मेंट फैक्टरी में मजदूर की लिफ्ट में गर्दन फंसने से दर्दनाक मौत हो गई। युवक लिफ्ट से माल चढ़ा रहा था। पैर फिसलने से हादसा हो गया। घटना के बाद फैक्टरी मालिक और कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने फायर ब्रिगेड कर्मियों की मदद से कड़ी मशक्कत के बाद तीन घंटे से फंसे शव को बाहर निकलवाया।

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बाबूपुरवा के बगाही भट्टा निवासी सब्जी विक्रेता बबलू पासवान का बेटा 19 वर्षीय पवन करीब दो वर्ष से हंसपुरम स्थित अंडर गार्मेंट की फैक्टरी गंगा होजरी में काम कर रहा था। नौबस्ता इंस्पेक्टर बहादुर सिंह ने बताया कि रविवार शाम करीब 6 बजे पवन कपड़े की गाठों को ऊपर की मंजिल पर ले जाने के लिए लिफ्ट में रख रहा था। यह लिफ्ट सामान लाने-ले जाने के लिए बनी है। लिफ्ट अचानक चलने उसी समय उसका पैर फिसल गया, जबकि वह उसकी गर्दन लिफ्ट में ही फंस गई। पवन का सिर लिफ्ट और दीवार के बीच जा फंसा। कर्मचारियों की नजर पड़ी तो लिफ्ट रोकी गई। हालांकि सिर फंसा होने से लिफ्ट बीच में ही फंसी रही। सूचना पर पहुंची पुलिस ने फायर ब्रिगेड को बुलाया। मौके पर एडीसीपी साउथ योगेश कुमार, एसीपी नौबस्ता चित्रांशू गौतम मौके पर पहुंचे।

परिजनों ने पोस्टमार्टम के बाहर रखवा लिया शव

परिजनों के मुताबिक पवन रोजाना की तरह सुबह आठ बजे काम पर गया था। शाम साढ़े सात बजे फैक्टरी मालिक किदवई नगर के ब्लॉक निवासी आनंद अग्रवाल ने पवन के साथ काम कर चुके अनुराग को सूचना देते हुए बताया कि पवन को चोट लग गई है। हैलट भेजा गया है। आनन-फानन में परिजन हैलट की इमरजेंसी पहुंचे तो वहां कोई नहीं मिला। एक कर्मचारी ने पोस्टमार्टम में देखने को कहा। वहां पहुंचने पर पवन के शव को अंदर ले जाया जा रहा था। यह देख कर मां रानी, बहन स्वाती और साथ गए अन्य लोग दहाड़ मारकर रोने लगे। आक्रोशित परिजनों ने शव को वहीं रुकवा लिया।

तहरीर मिलने पर होगी कार्रवाई

विधायक राहुल बच्चा भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। डीसीपी साउथ से फोन पर बात कर पूरे मामले की जानकारी ली। उन्होंने हर संभव मदद का आश्वासन परिवार को दिया है। एडीसीपी साउथ योगेश कुमार ने कहा कि तहरीर मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।

लिफ्ट के दरवाजे में चार घंटे फंसी रही गर्दन

कानपुर देहात के औद्योगिक क्षेत्र रनियां की एक बिस्किट फैक्ट्री में मंगलवार सुबह हुए हादसे में एक श्रमिक की दर्दनाक मौत हो गई। वह सामान लेने लिफ्ट से दूसरी मंजिल पर जा रहा था। लिफ्ट का दरवाजा खुला रहा गया और जब अचानक बंद हुआ तो उसकी गर्दन फंस गई। करीब चार घंटे तक वह इसी तरह फंसा तड़पता रहा। गैस कटर से दरवाजा कटवाकर पुलिस ने शव को बाहर निकाला।

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रनियां थाना क्षेत्र के रायपुर के पास स्थित ओमराज बिस्कुट फैक्ट्री में औरैया के फफूंद निवासी 25 वर्षीय निखिल मिश्र तीन महीने से काम कर रहा था। वह फैक्ट्री के अंदर बने आवास में रहता था। सोमवार की रात उसकी ड्यूटी थी। मंगलवार सुबह ड्यूटी खत्म करने से कुछ देर पहले वह सामान लेने लिफ्ट से ऊपर जा रहा था। श्रमिकों ने बताया कि इसी दौरान निखिल की गर्दन फंस गई। श्रमिकों की सूचना पर एएसपी राजेश पांडेय, एसडीएम सदर नीलिमा यादव व सीओ सदर संजय वर्मा मौके पर पहुंचे। सुबह करीब 8:10 पर फंसे निखिल को दोपहर 12:10 बजे निकाला जा सका। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। सूचना के कुछ घंटे बाद परिजन भी आ गए। इंस्पेक्टर रनियां शिव नारायण सिंह ने बताया कि फैक्ट्री प्रबंधन व परिजनों के बीच 17 लाख रुपये में समझौता हो गया। एक लाख रुपये नकद दिए गए, जबकि 16 लाख का चेक पिता को दिया गया है।

इकलौते बेटे की मौत से मां-बहनें बेहाल, परिजनों में कोहराम

हादसे के शिकार निखिल की मौत की खबर उसके घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। इकलौते बेटे की मौत की खबर से उसकी मां गीता देवी बदहवास हो गईं जबकि बहन हेमा व प्रिया का भी रो-रोकर बुरा हाल रहा। फैक्ट्री में आए उसके पिता बेटे का शव देख बिलख उठे।

Ajay Singh

लेखक के बारे में

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अजय कुमार सिंह दो दशक से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की और टीवी होते हुए अब डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हैं। राजनीति, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण से जुड़ीं खबरों को गहराई से कवर किया है। फिलहाल लाइव हिन्दुस्तान में असिस्टेंट एडिटर हैं और उत्तर प्रदेश की राजनीति और क्राइम खबरों पर विशेष फोकस रखते हैं। और पढ़ें
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