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मृदा की देखभाल से मिलेगा पौष्टिक आहार

ललितपुर। हम धरती माता की सेहत का ध्यान रखें। आज हम संकल्प लें कि रसायनिक खादों व कीटनाशकों का प्रयोग कम से कम करेंगे, जिससे हमारी माटी स्वस्थ्य रहे और समाज को पौष्टिक आहार पैदा करे। विश्व मृदा दिवस...

मृदा की देखभाल से मिलेगा पौष्टिक आहार
हिन्दुस्तान टीम,ललितपुरFri, 06 Dec 2019 09:49 PM
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ललितपुर। हम धरती माता की सेहत का ध्यान रखें। आज हम संकल्प लें कि रसायनिक खादों व कीटनाशकों का प्रयोग कम से कम करेंगे, जिससे हमारी माटी स्वस्थ्य रहे और समाज को पौष्टिक आहार पैदा करे। विश्व मृदा दिवस पर कृषि विभाग और साई ज्योति संस्थान के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी ने यह बात कही।ग्राम पंचायत महेशपुरा में मृदा परीक्षण शिविर व कृषक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार मिश्र रहे। अध्यक्षता उप निदेशक कृषि संतोष कुमार ने की। कार्यक्रम में मृदा परीक्षक अशोक कुमार ने 100 से अधिक मृदा सैंपिल एकत्र किये। जिनके कार्ड बनाकर दिये जायेगे। इस अवसर पर महेशपुरा के अतिरिक्त ग्राम दावनी, बम्हौरी, बुढ़वार, ककरुआ, कुआतला, पटौराकलां, पटौराखुर्द रजवारा, कल्यानपुरा आदि गांवों से तारा अक्षर की नवसाक्षर महिलाओं ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि मृदा परीक्षण कर दिए गए कार्ड आपकी मिट्टी के संबंध में पूरी जानकारी देंगे। इसके अनुसार ही भूमि में उर्वरक का प्रयोग करें। अत्याधिक रसायनिक खादों, कीटनाश्कों के प्रयोग से जमीन बंजर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले रागी, मडुवा, कठिया गेहूं, ज्वार, बाजरा आदि की खेती होती थी। जिसमें पानी भी कम लगता था और खाद भी नहीं देना पड़ता था। गोबर की खाद, गौमूत्र के प्रयोग से ही खेती होती थी। आज हम लोग अत्यधिक खादों का प्रयोग कर रहे है जो भूमि की उर्वरकता को समाप्त कर रही हैं। उप निदेशक कृषि संतोष कुमार ने कहा की कि 2017 मंे संयुक्त राष्ट्र ने मृदा की उपयोगिता हो समझते हुये इसकी गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से 05 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। अब तक दुनियां की 33 प्रतिशत जमीन बंजर हो चुकी हैं। हमारे खाने का 95 प्रतिशत हिस्सा जमीन मेें ही पैदा किया जाता हैं। इसलिए इसको स्वस्थ्य रखने के लिए हर संभव उपाय करने चाहिए। साई ज्योति संस्था के सचिव अजय श्रीवास्तव ने कहा कि हमारा अभियान है कि महिलाओं को भी किसान का दर्जा मिले। खेती के काम में से 70 प्रतिशत महिलाएं करती हैं। बावजूद इसके उनको पहचान नहीं मिली। इस मौके पर नवसाक्षर महिलाओं को मृदा परीक्षण की अहमियत बताई गई। इस अवसर पर कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक पवन कुमार, सतवंत, लवकुश भूषण, उपेन्द्र सिंह, संजीव, प्रवीण पाटीदार, ललित कुमार आदि आदि मौजूद रहे।

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