बारिश संग तेज हवाओं से बढ़ी सर्दी, ठिठुरे लोग
Lalitpur News - ललितपुर में हाल के दिनों में मौसम में बदलाव आया है, जिससे रात भर जोरदार बारिश हुई। तेज हवा और बारिश ने सर्दी बढ़ा दी है। किसानों के लिए यह बारिश लाभदायक साबित हुई है, क्योंकि यह फसलों को सिंचाई का...
ललितपुर। पिछले कुछ दिनों से करवट लेते मौसम ने बीती रात्रि जोरदार बारिश से जनपद को तर-ब-तर कर दिया। पानी की बूंदों के साथ तेज हवा ने सर्दी और बढ़ा दी। कहीं लकड़ी के अलाव की लपटों तो किसी स्थान पर हीटर की आंच से राहत पाने की कोशिश देर रात तक चलती रही। आसमान में छाए बादलों और रुक-रुक कर होती बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया। जनपद में बीती रोज से ही मौसम में तब्दीली दिखाई देने लगी थी। आसमान में काले घने बादल छा गए थे। जिस कारण भागवान भास्कर की किरणें धरती पर नहीं गिर सकीं। देर शाम तक बारिश का माहौल बनने लगा था। रात 12 बजे के बाद जोरदार बारिश शुरू हो गयी। शहरी और ग्रामीण इलाकों में कई घंटे तक लगातार बारिश होती रही। जिसकी वजह से खेत खलिहान तरबतर हो गए। इसके साथ ही जोरदार गरज व कड़कती बिजली से लोगों की नींद टूट गयी। शनिवार सुबह आसमान में काले घने बादल छाए रहे। वहीं तेज हवा ठिठुरन बढ़ाती रही। भगवान भास्कर के दिनभर दर्शन नहीं हुए। इस वजह से पारा तेजी के साथ नीचे चला गया। दिन में भी बूंदाबांदी के साथ चलती तेज हवा के झोंकों के कारण सर्दी में तल्खी आ गयी। वाहन चलाते समय बिना दस्ताने अंगुलियां गलने सी लगी। चेहरे के खुले हिस्से पर सर्द हवा के थपेड़े वाहन चालकों को परेशान करते रहे। सर्दी की वजह से कुछ दूरी तक वाहन चलाना मुश्किल हो गया। पैदल राहगीरों को भी दो कदम चलने में सर्दी का अहसास होता रहा। हर किसी की नजर अलाव पर रही। आग जलती देख राहगीरों ने रुककर हाथ सेंके फिर गंतव्य की को प्रस्थान किया। इस सर्दी में इंसान, पशु, पक्षी सभी लोग ठिठुर गए। राहत के लिए हर कोई अपने घर में दुबका रहा। रजाई ओढ़ने के बावजूद रूम हीटर चलाने की जरूरत पड़ी। वहीं तमाम लोगों ने अलाव जलाकर आग सेंकी। ग्रामीण इलाकों में सर्दी का कुछ ज्यादा ही असर रहा। हालांकि जगह-जगह जलते अलाव में लोग हाथ पैर सेंककर राहत पाते रहे। यह बारिश किसानों के लिए इंद्रदेव की कृपा से कम नहीं रही। खेतों में तैयार हो रही गेहूं, चना, मटर, सरसों की फसलों को सिंचाई के पानी की जरूरत थी जो इस बारिश से काफी हद तक पूरी हो गयी। पंपिंग सेट चलाने में डीजल पर खर्च होने वाला रुपया व बिजली का बिल बच गया। प्रगतिशील किसान जनमोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल दुबे के मुताबिक इस बारिश से गेहूं, मटर, सरसों, चना आदि फसलों को बहुत लाभ होगा। इल्ली व माहू का प्रभाव समाप्त हो जाएगा। परागकण बढ़ने से फसल की पैदावार में इजाफा होगा।
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