गोवधर्न उठा मधुसूदन ने तोड़ा इंद्र का अहंकार
Lalitpur News - ग्राम पंचायत के मजरा अमोदा में श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन, कथावाचका साध्वी सावित्री ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने गोवर्धन उठाने, राक्षसी पूतना का वध और इंद्र की नाराजगी का...
दिदौनिया। ग्राम पंचायत के मजरा अमोदा में श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचका साध्वी सावित्री ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि जब इंद्र कुपित होकर बारिश करवा रहे थे तो वृजवासियों की सुरक्षा के लिए मधुसूदन ने गोवर्धन को उठा लिया था। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण को मारने के लिए सर्वाधिक बलवान राक्षसी पूतना को भेजता है। वह रूप बदलकर भगवान श्रीकृष्ण को अपने स्तन से जहर पिलाने का प्रयास करती है लेकिन नटखट कन्हैया राक्षसी को मौत के घाट उतार देते हैं। कार्तिक माह में ब्रजवासी भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए पूजन का कार्यक्रम करने की तैयारी करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण उनको इंद्र की पूजा से मना करते हुए गोवर्धन के पूजन को कहते हैं। इंद्र यह सुनकर क्रोधित हो जाते हैं। वह भारी वर्षा करते हैं। जिसको देखकर समस्त ब्रजवासी परेशान हो जाते हैं। यह देख भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठाकर पूरे नगरवासियों को पर्वत को नीचे बुला लेते हैं, जिससे एक सप्ताह के बाद हारकर इंद्र वर्षा को बंद कर देते हैं। जिसके बाद नगरवासी भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन महाराज के जयकारे लगाने लगते हैं। कथावाचक यशोदा मां के साथ बालपन की शरारतें, भगवान श्रीकृष्ण का गो प्रेम, कालिया नाग मान मर्दन, माखन चोरी, गोपियों का प्रसंग सुनाते हैं।
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