बढ़े पारे में कम बन रहा गेहूं का दाना, पड़ेगा असर
समय के पहले बढ़े तापमान से गेहूं का उत्पादन घटने की आशंका जाहिर की जा रही है। गेहूं की बालियों में दाना आना कम हो गया...
चपरतला खीरी।
समय के पहले बढ़े तापमान से गेहूं का उत्पादन घटने की आशंका जाहिर की जा रही है। गेहूं की बालियों में दाना आना कम हो गया है।
गेहूं की फसल के लिए 20 डिग्री तक का पारा बेहतर होता है। पर इस बार दिन का तापमान 32 डिग्री तक जा रहा है। दूसरी तरफ गेहूं की बुवाई लेट होने के कारण भी किसानों को इस फसल में पहुंचने का असर है। गेहूं की बुवाई जब बिल्कुल अंतिम दिनों में होती है तो इस फसल में कम से कम 8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उत्पादन कम होता है। चल रहे मार्च महीने के शुरुआत में ही पारा 31 से 32 डिग्री सेल्सियस पार होते ही गेहूं की बालियों में दाना बनना कम हो चुका है। इस समय ही गेहूं की बालियों में दाना बनकर पकता है। इस स्थिति में किसानों की गेहूं की फसल में उत्पादन काफी कम होगा। दूसरी तरफ इस बार सरसों की अपेक्षा गेहूं का रकबा भी कम है तो प्रकृति ने भी गेहूं किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉ मोहम्मद सोहेल ने बताया कि अगेती प्रजाति को जब देर से बोया जाता है तो उत्पादन में भारी गिरावट आने की आशंका रहती है। जिस हिसाब से तापमान में वृद्धि हो रही है तो भी यह समस्या आने की आशंका है जिससे उत्पादन पर काफी असर पड़ेगा।
