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नगर क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था संभालेंगे प्रशिक्षु

बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की कमी पड़ गई है। सबसे ज्यादा कमी नगरीय क्षेत्र के स्कूलों में है। हालात यह हैं कि नगरीय क्षेत्र में 27 स्कूलों में महज 14 शिक्षक तैनात हैं। यानि 13 स्कूल शिक्षक विहीन...

नगर क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था संभालेंगे प्रशिक्षु
हिन्दुस्तान टीम,लखीमपुरखीरीSun, 19 Aug 2018 06:13 PM
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बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की कमी पड़ गई है। सबसे ज्यादा कमी नगरीय क्षेत्र के स्कूलों में है। हालात यह हैं कि नगरीय क्षेत्र में 27 स्कूलों में महज 14 शिक्षक तैनात हैं। यानि 13 स्कूल शिक्षक विहीन हैं। ऐसे में इन स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है। यही हालात शहर में चल रहे बेसिक के दो अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के भी हैं। सुआगाड़ा और राजापुर में चल रहे अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में महज दो-दो शिक्षक हैं। यहां शिक्षकों की तैनाती कब होगी पता नहीं। इन दिक्कतों को देखते हुए डीएम शैलेन्द्र सिंह ने यहां की शिक्षण व्यवस्था सुधारने के लिए अभिनव प्रयोग का निर्णय लिया है। डायट के प्रशिक्षु अब इन स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था संभालेंगे।

बीएसए बुद्धप्रिय सिंह ने बताया कि नगर क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या पर डीएम ने अभिनव प्रयोग की शुरुआत की है। बीएसए ने बताया कि डायट में बीटीसी की ट्रेनिंग ले रहे प्रशिक्षुओं को इन स्कूलों में शिक्षण कार्य के लिए लगाया जाएगा। इसके लिए डायट प्राचार्य को पत्र लिखा गया है। उन्होंने बताया कि एक स्कूल में दो-दो प्रशिक्षुओं को रोटेशन के हिसाब से एक-एक माह के लिए भेजा जाएगा। एक महीने तक स्कूल में पढ़ाने के बाद प्रशिक्षु डायट वापस जाएगा और उसकी जगह दूसरे प्रशिक्षु को स्कूल भेजा जाएगा। इससे जहां प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण भी पूरा होगा वहीं स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होने के साथ ही शिक्षा का स्तर भी ठीक होगा। पूरी कार्ययोजना तैयार हो गई है। जल्द ही इसकी शुरुआत की जाएगी।

डायट प्राचार्य ने भी इस पर सहमति दे दी है।बाक्ससेवानिवृत्त शिक्षकों से भी सहयोग-बेसिक शिक्षा विभाग नगरीय क्षेत्र में शिक्षण व्यवस्था सुधारने के लिए एक पहल करने जा रहा है। विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके उन शिक्षकों जो नगरीय क्षेत्र में रहते हैं उनसे सम्पर्क किया जाएगा। जल्द ही इनके साथ बैठक होगी। इन सेवानिवृत्त शिक्षकों से अनुरोध किया जाएगा कि वह अपनी सेवाएं कम से कम दो घंटे के लिए किसी स्कूल में दें। बीएसए ने बताया कि उम्मीद है कि सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षक अपना समय स्कूलों को देंगे और शिक्षा का स्तर उठाने में सहयोग करेंगे। हालांकि इसकी एवज में विभाग उनको कुछ नहीं देगा। इन शिक्षकों से पूरी तरह समाज सेवा के तौर पर सेवाएं ली जाएंगी।

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