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निगरानी करते रहे अफसर, बाघ टहलकर पहुंचा दूसरे गांव

निघासन इलाके के गजियापुर इलाके में चहलकदमी करने वाला बाघ मंगलवार को सिंगाही इलाके के महादेवा टांडा में दिखा। यहां उसने गांव के छोर पर रहने वाले किसान के बैल पर हमला कर...

निगरानी करते रहे अफसर, बाघ टहलकर पहुंचा दूसरे गांव
हिन्दुस्तान टीम,लखीमपुरखीरीTue, 13 Feb 2018 09:28 PM
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निघासन इलाके के गजियापुर इलाके में चहलकदमी करने वाला बाघ मंगलवार को सिंगाही इलाके के महादेवा टांडा में दिखा। यहां उसने गांव के छोर पर रहने वाले किसान के बैल पर हमला कर दिया। इसके बाद बाघ पड़ोस के एक गन्ने के खेत में घुस गया। इस दौरान दो बार बाघ खेत से निकलकर बाहर आया। एक बार वह भीड़ पर हमलावर भी हुआ। उधर गजियापुर गांव में गन्ने के खेत में पिछले चार दिन से छुपे बाघ की लोकेशन नहीं मिल सकी है। बाघ की लोकेशन जानने के लिए खेत के आसपास दस कैमरे लगाए गए थे लेकिन बाघ की मौजूदगी किसी भी कैमरे में नजर नहीं आई।

मंगलवार दोपहर सिंगाही थाने के महादेवा टांडा गांव के पास सोहनलाल यादव के खेत के पास पेड़ से बंधे गांव के ही रंजीत के बैल पर बाघ ने हमला किया। यबाघ को देखकर बैल अपनी रस्सी तोड़कर भागने में कामयाब रहा। इससे वह बच गया। इसके फौरन बाद बाघ फिर उसी गन्ने के खेत में घुस गया। पास मौजूद ग्रामीणों ने हल्ला किया। करीब तीन बजे सौ नंबर की टीम और एसओ अजय प्रकाश मिश्र मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को खेत से दूर रहने को कहा। करीब पौने चार बजे गांव के कुछ लोग बाघ की मौजूदगी भांपने को खेत के कुछ पास तक पहुंच गए। लोगों की चहलकदमी पर दहाड़ के साथ खेत से निकले बाघ ने भीड़ पर हमला करने की कोशिश की। हालांकि वहां मौजूद एसओ और एसआई वीर सिंह समेत तमाम गांववालों के शोर मचाने पर बाघ फिर गन्ने के खेत में वापस घुस गया।

करीब साढ़े चार बजे वन विभाग से डिप्टी रेंजर राममिलन, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के परियोजनाधिकारी जबीर हसन, वन दरोगा सतीश मिश्र, कौशल सिंह, मुशीर अहमद और सुरेंद्र कुमार वहां पहुंचे। उन्होंने बाघ के पदचिन्ह देखने के बाद उसको बाघिन बताया है। इसके साथ ही गन्ने के खेत से निकलने के दौरान ली गई उसकी फोटो के आधार पर उसकी आईडी का मिलान कराया जा रहा है। खबर पाकर एसडीएम अखिलेश यादव भी मौके पर पहुंचे और जानकारी ली। डिप्टी रेंजर और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के परियोजनाधिकारी जबीर हसन ने बताया कि यह वही बाघिन है जिसने गजियापुर में गाय को शिकार बनाया था। उन्होंने बताया कि बाघ आमतौर पर एक बाघ एक दिन में चालीस-पचास किमी तक की दूरी तय कर सकता है जबकि महादेवा टांडा से गजियापुर की सीधी दूरी करीब सात किमी ही है।

कर्तनिया से आएंगे हाथी

चार दिनों तक बाघ को पकड़ने में नाकाम रहा वन विभाग बुधवार को कर्तनिया से हांथी बुलाकर खेत की तलाशी करवाएंगे। क्षेत्राधिकारी आरके दीक्षित ने बताया कि विभाग की प्राथमिकता गांव वालों को सुरक्षित रखना है। पग चिन्हों से मालूम होता है कि गाय को मारने वाला जानवर मादा टाइगर है। दीक्षित के मुताबिक टाइगर एक जगह पर ज्यादा समय नहीं ठहरता है। सोमवार से बाघ की कोई हलचल सामने नही आई है। कैमरों में भी जानवर की कोई तस्वीर नहीं मिली है।

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