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उड़ा ले दुश्मनों के सर वह हर एक तीर अपना है...

भीरा कस्बे के टाकीज बाजार में एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पुलवामा में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि तथा भारतीय सेना के द्वारा की गई...

भीरा कस्बे के टाकीज बाजार में एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पुलवामा में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि  तथा भारतीय सेना के द्वारा की गई...
1/ 2भीरा कस्बे के टाकीज बाजार में एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पुलवामा में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि तथा भारतीय सेना के द्वारा की गई...
भीरा कस्बे के टाकीज बाजार में एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पुलवामा में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि  तथा भारतीय सेना के द्वारा की गई...
2/ 2भीरा कस्बे के टाकीज बाजार में एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पुलवामा में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि तथा भारतीय सेना के द्वारा की गई...
हिन्दुस्तान टीम,लखीमपुरखीरीFri, 08 Mar 2019 12:18 AM
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भीरा कस्बे के टाकीज बाजार में एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पुलवामा में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि तथा भारतीय सेना के द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक में सेना के शौर्य और पराक्रम को नमन करने के लिए किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भीरा के पूर्व प्रधान संजय शुक्ला तथा विशिष्ट अतिथि भीरा कोतवाली प्रभारीनिरीक्षक अनिल कुमार सिंह यादव ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की शुरुआत भीरा की कवित्री रंजना सिंह हया ने वाणी वंदना से की। इसके बाद दिल्ली से आये आदिल रसीद ने पढ़ा- जरा तुम गौर से देखो बताओ फ़ासला कब है, ये हिंदुस्तान बैठा है ये पाकिस्तान बैठा है। लखनऊ से आए वाहिद अली वाहिद ने पढ़ा-जेठ की धूप में चैन मिले बरसे जो मोहब्बत की बदली, बदली बरसे जब राम गली,खुश हो के चले रमज़ान अली। बाराबंकी के शिव किशोर तिवारी खंजन ने पढ़ा-उड़ा ले दुश्मनों के सर वह हर एक तीर अपना है, के झेलम सिंधु रावी का समूचा नीर अपना है। इसी मिट्टी में जाये हम यही सौगन्ध खाते हैं,रहेगी सांस जब तक कह रहे कश्मीर जिंदा है। ईसानगर के नवल सुधांशु ने पढ़ा-आपकी याद के पल संवल हो गये, नयन में जब छुये तुलसीदल हो गए।कानपुर के आलम सुल्तानपुरी ने पढ़ा-कहीं पर चीन लिखा कहीं जापान लिखा,कहीं अमरीका तो कहीं ईरान लिखा है। जमाने भर में क्या लिखा है ये हमको नहीं मालूम,मगर कश्मीर की धरती पे हिदुस्तान लिखा है। इसके अतिरिक्त दीपक पंडित पड़रिया तुला, भीरा के कवि जीतेंद्र, नफ़ीस वारसी, जीनत तंबौरी, जितेंद्र व अभिषेक भारद्वाज ने भी कविता पाठ किया। ने भी काव्य पाठ किया दर्शक सारी रात कवियों के काव्य पाठ पर तालियां बजाते रहे।

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