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लखीमपुर में घर-घर जाकर तलाशे टीबी के रोगी

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खमरिया ईसानगर क्षेत्र में घर घर जाकर टीबी के रोगी तलाशे गए। दस दिनों तक चलने वाले इस अभियान में संक्रमित लोगों की पहचान कर उनका डॉट्स क्लिनिक में निःशुल्क उपचार ही नहीं...

लखीमपुर में घर-घर जाकर तलाशे टीबी के रोगी
खमरिया-खीरी। हिन्दुस्तान संवादWed, 19 Feb 2020 05:35 PM
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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खमरिया ईसानगर क्षेत्र में घर घर जाकर टीबी के रोगी तलाशे गए। दस दिनों तक चलने वाले इस अभियान में संक्रमित लोगों की पहचान कर उनका डॉट्स क्लिनिक में निःशुल्क उपचार ही नहीं किया जाएगा, बल्कि पौष्टिक खाद्य पदार्थों के लिए क्षय रोग पीड़ितों को सहयोग राशि भी सरकार की तरफ से उनके खातों में भेजी जाएगी। सीएचसी अधीक्षक डॉ. बीके स्नेही ने बताया कि अभियान 27 फ़रवरी 2020 तक चलेगा।

पहले चरण में खमरिया सेक्टर के आसपास निवास की दस प्रतिशत आबादी को लिया गया है। जिसके लिए 10 टीमें बनाई गई है। प्रत्येक सेक्टर में एक मेडिकल ऑफिस और दो सुपरवाइजर लगाए गए हैं। अभियान के तहत डोर टू डोर क्षय रोगियों को चिन्हित किया जाएगा।टीबी रोग की पुष्टि होने पर सरकार द्वारा अब हर माह 500 रुपए मरीज के खाते में भरण पोषण के लिए भेजे जाएंगे। इस कार्यक्रम के तहत टीम प्रति दिन माइक्रो प्लान के अनुसार  50 से 60 घर घर जाकर टीबी के संदिग्ध मरीजों के बलगम डिब्बी में लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाएगी। जहाँ जरूरी जांचों की पुष्टि होते ही मरीज को सूचना देकर उसका तत्काल डॉट्स क्लीनिक में इलाज शुरू किया जाएगा। 

यह हैं लक्षण

डॉ. स्नेही ने बताया कि  किसी भी व्यक्ति को अगर दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी आ रही हो ,बलगम में खून आ रहा हो,बार बार बुखार आ रहा हो,वजन लगातार कम हो रहा हो,भूख न लग रही हो,सीने में दर्द हो रहा हो और रात को सोते समय पसीना आता हो तो तत्काल अपनी जांच कराए।ताकि टीबी का पता चल सके। उन्होंने बताया कि टीबी बैक्टेरिया जनित बीमारी है जो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरों में फैलती है। इसका सही और पूरा उपचार न लेने से आदमी मौत के मुंह में जा सकता है।
 

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