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भगवान राम के तीर से हुआ बुराई के प्रतीक रावण का अंत

सोमवार को शहर के रामलीला मेला मैदान में चल रहे दशहरा मेले में रामलीला का अंतिम चरण आ ही गया। बुराई के प्रतीक रावण के पुतले को खत्म होता देखने के लिए न सिर्फ शहर के बल्कि आस पास गांवों के हजारों लोग...

सोमवार को शहर के रामलीला मेला मैदान में चल रहे दशहरा मेले में रामलीला का अंतिम चरण आ ही गया। बुराई के प्रतीक  रावण के पुतले को खत्म होता देखने के लिए न सिर्फ शहर के बल्कि आस पास गांवों के हजारों लोग...
1/ 2सोमवार को शहर के रामलीला मेला मैदान में चल रहे दशहरा मेले में रामलीला का अंतिम चरण आ ही गया। बुराई के प्रतीक रावण के पुतले को खत्म होता देखने के लिए न सिर्फ शहर के बल्कि आस पास गांवों के हजारों लोग...
सोमवार को शहर के रामलीला मेला मैदान में चल रहे दशहरा मेले में रामलीला का अंतिम चरण आ ही गया। बुराई के प्रतीक  रावण के पुतले को खत्म होता देखने के लिए न सिर्फ शहर के बल्कि आस पास गांवों के हजारों लोग...
2/ 2सोमवार को शहर के रामलीला मेला मैदान में चल रहे दशहरा मेले में रामलीला का अंतिम चरण आ ही गया। बुराई के प्रतीक रावण के पुतले को खत्म होता देखने के लिए न सिर्फ शहर के बल्कि आस पास गांवों के हजारों लोग...
हिन्दुस्तान टीम,लखीमपुरखीरीMon, 22 Oct 2018 11:31 PM
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सोमवार को शहर के रामलीला मेला मैदान में चल रहे दशहरा मेले में रामलीला का अंतिम चरण आ ही गया। बुराई के प्रतीक रावण के पुतले को खत्म होता देखने के लिए न सिर्फ शहर के बल्कि आस पास गांवों के हजारों लोग पहुंचे थे। आलम यह था कि जितनी भीड़ मेला मैदान में थी, उससे कहीं ज्यादा बाहर सड़कों पर लोग जमा थे। यहां तक कि आस पास के मकानों, बिल्डिगों की छत पर भी लोग रावण दहन का मंचन देखने के लिए जमा हो गए। शहर में हर साल दशहरा के मौके पर रामलीला का आयोजन किया जाता है। इस बार भी बाहर से आए कलाकारों ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से लोगों का दिल जीत लिया।

चाहे भगवान राम का रोल हो या बुराई के प्रतीक रावण का अभिनय। कलाकारों ने हर किरदार में जान फूंक दी। पहले दिन शहर में राम बारात निकाली गई थी। जबकि दूसरे दिन भगवान राम के वनवास जाने के प्रसंग का मंचन किया गया। इसके बाद सीता हरण का भी मंचन हुआ और सोमवार की शाम भगवान राम व रावण के बीच जमकर युद्ध हुआ जिसके बाद भगवान राम के बाण से बुराई के प्रतीक रावण के अंत का मंचन किया गया। रावण का अंत होते ही भगवान राम के तीर से रावण के पुतला में आग लगाई गई जिसके बाद रावण का पुतला धूं धूं कर जलने लगा। पुतले में आग लगते ही लोगों ने उत्साह और तालियों की गड़गड़ाहट के साथ खुशी मनाई। इस दौरान मेले में खरीददारी करने वालों की भी भारी भीड़ उमड़ी। इसमें बच्चे, पुरूष, महिलाएं सभी शामिल थे।

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