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मांगी नाव न केवट आना, कहइ तुम्हार मरम मय जाना

शहर के श्रीराम लीला महोत्सव में श्रीराम केवट संवाद, सीताहरण और जटायु मरण का मंचन किया गया। श्रोता भाव विभोर हो...

मांगी नाव न केवट आना, कहइ तुम्हार मरम मय जाना
हिन्दुस्तान टीम,लखीमपुरखीरीTue, 16 Oct 2018 11:43 PM
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शहर के श्रीराम लीला महोत्सव में श्रीराम केवट संवाद, सीताहरण और जटायु मरण का मंचन किया गया। श्रोता भाव विभोर हो गए। प्रभु श्रीराम ने केवट से नाव लाने की बिनती की, पर वह नाव नहीं लाया। मंगलवार को श्रीराम लीला महोत्सव में वंदावन से आए कलाकारों द्वारा राम की लीलाओं का मंचन किया गया। कलाकार पौराणिक शिव मंदिर के निकट पवित्र तीर्थ पहुंचे जहां पर राम केवट संवाद का मंचन किया गया। राम केवट संवाद सुनने के लिए तमाम भीड़ जमा हो गई। प्रभु श्रीराम ने केवट से उस पार उतारने के लिए निवेदन किया, पर वह प्रभु के बगैर पैर धोए नाव पर बैठालने को राजी नहीं हुआ। उसने कहा कि हम सब पता है आप के छूने मात्र से पत्थर की अहिल्या जीवित हो गई थी। उसके बाद मेला मंच पर सीताहरण और जटायु मरण का मंचन देख दर्शक भाव विभोर हो गए। इस मौके पर जनार्दन गिरि, राजेश आनन्द मिन्नी, पंकज पुरवार, राकेश तिवारी बड़े, रामरक्षपाल राजपूत, कपिल कुमार, सुशांत, राजन गुप्ता, राजेश कुमार, रतीराम, संत कुमार, वैभव, अवनीश समेत तमाम श्रोतागण मौजूद थे।

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