बदला कोरोना का प्रोटोकॉल, एक निगेटिव रिपोर्ट से राहत
कोरोना संक्रमितों की बढ़ रही संख्या के साथ ही पॉजिटिव निकले मरीजों के इलाज का भी प्रोटोकॉल बदल गया है। इसके साथ ही बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों को थर्मल स्कैनिंग में बेहतर होने पर 21 दिन का होम...
कोरोना संक्रमितों की बढ़ रही संख्या के साथ ही पॉजिटिव निकले मरीजों के इलाज का भी प्रोटोकॉल बदल गया है। इसके साथ ही बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों को थर्मल स्कैनिंग में बेहतर होने पर 21 दिन का होम क्वारंटीन किया जा रहा है।
जिले में कोरोना पॉजिटिव केसों की संख्या काफी बढ़ गई है। ऐसे में उनको भर्ती रख तीन निगेटिव रिपोर्ट के आने का इंतजार खत्म कर दिया गया है। अब पॉजिटिव केस की एक रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसको अस्पताल से छुट्टी देने का निर्देश हो गया है। इस दौरान उनको अपने ही घर में रहकर सात दिन के ही होम क्वारंटीन रहने को कहा जा रहा है। स्वास्थ्य महकमे का कहना है कि जिले में अभी तक पॉजिटिव निकले सभी केसों में एक रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद बाकी की रिपोर्ट भी निगेटिव रही है। इसके चलते ही एक ही निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद घर जाने को कहा जा रहा है। इसके साथ ही जिले में बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों को भी जिले में आने के बाद बने क्वारंटीन सेंटर पर पहुंचाकर थर्मल स्कैनिंग की जाती है। इसमें किसी प्रकार के लक्षण न मिलने पर प्रवासी मजदूरों को भी किट देकर 21 दिन घर में ही क्वारंटीन होने को कहा जाता है। यह अलग बात है कि इस दौरान इसका कितना पालन कर रहे है। प्रशासन का कहना है कि किट देने का मतलब यही है कि प्रवासी मजदूर 21 दिन किसी के भी संपर्क में न आएं और अपने भरण-पोषण भी करता रहे। बेहजम में बने एलवन अस्पताल के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. बलवीर सिंह ने बताया कि पॉजिटिव केसों के इलाज के दौरान एक रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उनको घर भेजने के निर्देश हुए है। इनको सात दिन के लिए घर पर ही होम क्वारंटीन रहने का कहा जाता है।
